DU कार्यकारिणी के सदस्यों ने बुलंद की विरोध की आवाज, बोले- एक तरफा निर्णय मंजूर नहीं

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में ऑनलाइन परीक्षा की तैयारी और इसकी कार्यप्रणाली को देखते हुए विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण परिषदों के सदस्यों ने विरोध की आवाज बुलंद की है.

author-image
Sushil Kumar
एडिट
New Update
DU

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) में ऑनलाइन परीक्षा (Online Exam) की तैयारी और इसकी कार्यप्रणाली को देखते हुए विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण परिषदों के सदस्यों ने विरोध की आवाज बुलंद की है. नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट से जुड़े डीयू कार्यकारी व विद्वत परिषद के इन सदस्यों ने इस विषय पर पुनर्चर्चा कर उचित राह निकलने की लिखित मांग कुलपति से की है. डीयू कार्यकारी परिषद के निर्वाचित सदस्य डॉ. वी.एस. नेगी के नेतृत्व में विद्वत परिषद व दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ कार्यकारिणी के सदस्यों ने कुलपति को लिखे पत्र में कहा कि विश्वविद्यालय बिना विचार-विमर्श के विद्यार्थियों के विषय में कोई भी निर्णय न लिया जाए. हम भी चाहते हैं कि स्नातक, स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के नतीजे समय से आ जाए, लेकिन इसके लिए कोई एकतरफा निर्णय उचित नहीं है.

Advertisment

यह भी पढ़ें- कोरोना संकट में भी यूपी की शिक्षा की रफ्तार नहीं थमी, ई-लर्निग से 32.79 लाख विद्यार्थी हो रहे लाभान्वित

ऑनलाइन परीक्षा का प्रयोग करना उचित नहीं

इसी तरह इन शिक्षकों ने अन्य स्तर पर भी विद्याथियों की परीक्षा व अगले वर्ष में पदोन्नति के लिए नतीजे घोषित करने की मांग की है. डॉ. नेगी ने कहा कि बात शिक्षकों की पदोन्नति की हो या फिर नई नियुक्ति व तदर्थ शिक्षक के नियमितीकरण, सेवानिवृत्त शिक्षकों से जुड़े विषयों में कुलपति लगातार विफल साबित हुए हैं. शिक्षकों से जुड़े इन विषयों पर उनकी कार्यप्रणाली हमेशा से ही सवालों के घेरे में रही है. ऐसे में लाखों विद्यार्थियों के साथ बिना चुने हुए प्रतिनिधियों से चर्चा किए ऑनलाइन परीक्षा का प्रयोग करना उचित नहीं है और इस पर फिर से विचार कर विद्यार्थियों के हित में कार्य करना चाहिए.

यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश में कोरोना के 203 नए मामले, कुल 4258 मरीज संक्रमित, अब तक 104 लोगों की मौत

अकादमिक कैलेंडर को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की

उन्होंने कहा कि जिस तरह से कुलपति निर्णय लागू कर रहे हैं, वह विश्वविद्यालय के नियमों के खिलाफ है और बिना कार्यकारी परिषद व विद्वत परिषद में चर्चा किए ऐसा करना अनुचित है. गौरतलब है कि देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्रों का नया सत्र 1 अगस्त से शुरू हो रहा है. वहीं, प्रथम वर्ष के छात्रों का नया सत्र 1 सितंबर से शुरू होगा. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों में नया सत्र कब और कैसे शुरू किया जाए, इसके लिए एक विशेष कमेटी गठित की थी. यूजीसी द्वारा गठित इस सात सदस्यीय समिति ने परीक्षा से जुड़े मुद्दों और अकादमिक कैलेंडर को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की है.

delhi university Executive education du
      
Advertisment