New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2018/12/06/166525580-delhiuniversitydu-6-35.jpg)
दिल्ली विश्वविद्यालय (फाइल फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
दिल्ली विश्वविद्यालय ने कुलपति समेत अपने प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति के संबंध में जानकारी देने से मना कर दिया है। विश्वविद्यालय ने कहा कि सूचना 'लोक हित' में नहीं है
दिल्ली विश्वविद्यालय (फाइल फोटो)
दिल्ली विश्वविद्यालय ने कुलपति समेत अपने प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति के संबंध में जानकारी देने से मना कर दिया है. विश्वविद्यालय ने कहा कि सूचना 'लोक हित' में नहीं है और यह 'निजता में हनन' का मामला होगा. वहीं प्रशासन के विरुद्ध संघर्ष कर रहे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के शिक्षकों को चेतावनी दी गई है कि उनकी छुट्टियां स्वीकृत नहीं की जाएगी अगर वे अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराएंगे.
यह संघर्ष एक वर्ष पहले तब शुरू हुआ, जब एक व्यक्ति ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति, रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार, असिस्टेंस रजिस्ट्रार और अन्य समेत गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत उपस्थिति जानकारी मांगी.
विश्वविद्यालय के जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) ने आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(जे) का हवाला देते हुए कहा, 'यह प्रतीत होता है जहां तक खास अधिकारी का सवाल है कि आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी निजी प्रकृति की है और यह किसी की निजता में अनाधिकृत रूप से दखल होगा. इसके साथ ही यह प्रतीत होता है कि इस सूचना के खुलासे से किसी भी प्रकार का लोक हित नहीं होगा.'
विश्वविद्यालय के पहले अपीलीय प्राधिकार ने इस निर्णय के साथ सहमति जताई थी. प्राधिकार ने सितंबर में मामले की सुनवाई की थी. जेएनयू विश्वविद्यालय और इसके शिक्षकों के बीच चल रहे मौजूदा संघर्ष के मद्देनजर यह प्रगति काफी महत्वपूर्ण है. यहां शिक्षकों ने अपने अकादमिक स्वतंत्रता पर पाबंदी लगाने का आरोप लगाते हुए उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है.
विश्वविद्यालय में पहले अपीलीय प्राधिकार(फर्स्ट अपीलेट अथॉरिटी) डिप्टी रजिस्ट्रार सुधीर शर्मा से कई कोशिशों के बाद भी संपर्क नहीं साधा जा सका.
Source : IANS