दिल्‍ली हाई कोर्ट ने विधि विश्वविद्यालय को दाखिला अधिसूचना में सुधार करने के लिए कहा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली स्थित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय से कहा कि वह 30 जून की अपनी संशोधित दाखिला अधिसूचना में सुधार करे, जिसमें इसने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण को खत्म कर दिया था.

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Sunil Mishra
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काेर्ट ने विधि विश्वविद्यालय को दाखिला अधिसूचना में सुधार करने को कहा( Photo Credit : File Photo)

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने मंगलवार को दिल्ली स्थित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (National Law University) से कहा कि वह 30 जून की अपनी संशोधित दाखिला अधिसूचना में सुधार करे, जिसमें इसने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण को खत्म कर दिया था. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद की पीठ ने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि 13 जुलाई की अगली सुनवाई से पहले वह सुधार की गई दाखिला अधिसूचना जारी करे.

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दिल्ली सरकार की ओर से अधिवक्ता रमेश सिंह द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश दिया गया. इसमें अदालत को सूचित किया गया कि इसके निर्देशों के अनुपालन के तहत विधि विश्वविद्यालय में दिल्ली के छात्रों के 50 फीसदी आरक्षण पर रोक लगाए जाने के बाद विश्वविद्यालय ने ओबीसी के 22 फीसदी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 10 फीसदी आरक्षण को भी हटा दिया.

सिंह ने पीठ को बताया कि 30 जून की संशोधित अधिसूचना 29 जून को जारी ''अंतरिम आदेश की पूरी तरह से गलत व्याख्या'' पर आधारित थी. उच्च न्यायालय ने अपने 29 जून के आदेश में विधि विश्वविद्यालय के उस फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी के छात्रों के लिए 50 फीसदी सीटों को आरक्षित किया गया था.

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उच्च न्यायालय में विश्वविद्यालय के छात्रों ने याचिका दायर कर 50 फीसदी आरक्षण वाले फैसले को चुनौती दी थी, जिसके बाद अदालत ने अंतरिम आदेश दिया.

Source : Bhasha

National Law University EWS OBC Delhi High Court admission
      
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