विश्व में धर्म के आधार पर नहीं होनी चाहिए शिक्षा: दलाई लामा

तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने सोमवार को कहा कि विश्व में शिक्षा प्रणाली व्यावहारिक और वैज्ञानिक ज्ञान पर आधारित होनी चाहिए न कि धर्म पर।

तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने सोमवार को कहा कि विश्व में शिक्षा प्रणाली व्यावहारिक और वैज्ञानिक ज्ञान पर आधारित होनी चाहिए न कि धर्म पर।

author-image
desh deepak
एडिट
New Update
विश्व में धर्म के आधार पर नहीं होनी चाहिए शिक्षा: दलाई लामा

दलाई लामा (फाइल फोटो)

तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने सोमवार को कहा कि विश्व में शिक्षा प्रणाली व्यावहारिक और वैज्ञानिक ज्ञान पर आधारित होनी चाहिए न कि धर्म पर। दलाई लामा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ दिल्ली सरकार के खुशी पाठ्यक्रम के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे।

Advertisment

उन्होंने कहा, 'आज हमें विश्व में जिस चीज की जरूरत है, वह है मूल्यों की शिक्षा। वह व्यावहारिक और वैज्ञानिक ज्ञान पर आधारित होनी चाहिए न कि धर्म पर आधारित।'

भारत को आधुनिक शिक्षा व प्राचीन भारतीय ज्ञान को साथ लाने वाला अकेला देश बताते हुए दलाई लामा ने कहा, 'दुनिया में विनाशकारी भावनाओं से निपटने के लिए इसकी आवश्यकता है। इसलिए जो दिल्ली के स्कूलों में शुरू किया जा रहा है, उसका प्रभाव समूचे विश्व पर पड़ सकता है।'

चिंतन, मानसिक अभ्यास पर ध्यान देने के साथ पाठ्यक्रम छात्रों को न केवल अच्छे इंसान बनाने के मकसद से शुरू किया गया है बल्कि यह उन्हें संयमित पेशेवर के रूप में तैयार करेगा, जो भ्रष्टाचार में शामिल नहीं होंगे।

45 मिनट की दैनिक खुशी कक्षा में कर्तव्यबोध अभ्यास, कृतज्ञता, नैतिकता और मूल्य-आधारित कहानियां और गतिविधियां शामिल होंगी।

और पढ़ेंः बिहार: शराब के साथ बीजेपी विधायक का बेटा समेत 5 लोग गिरफ्तार

शिक्षा विभाग का प्रभार संभाल रहे सिसोदिया ने कहा कि खुशी और भलाई का स्तर गिर रहा है जबकि तनाव, चिंता और अवसाद तेजी से बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा, 'यह अच्छे मानसिक स्वास्थ्य, चरित्र और लचीलेपन पर ध्यान केंद्रित करने के साथ साथ शिक्षा प्रणाली में सबसे महत्वपूर्ण विकास होने जा रहा है।'

सिसोदिया ने कहा, 'एक बच्चे का मानसिक कल्याण महत्वपूर्ण है। खुशहाल बच्चे अधिक सीखते हैं, बेहतर तरीके से हालात का सामना करते हैं और उनमें अपनी क्षमता हासिल करने की संभावना अधिक होती है।'

केजरीवाल ने इसे एक 'ऐतिहासिक दिन' करार दिया जो 'आधुनिक शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बदल देगा।'

उन्होंने कहा, 'इसे 100 से 150 साल पहले किया जाना चाहिए था। हम शिक्षा के वास्तविक अर्थ को भूल गए हैं। हमारी शिक्षा प्रणाली केवल क्लर्क बनाने वाली हो गई है और बच्चों को बेहतर इंसान बनाने में विफल रही है।'

सभी राज्यों की खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Source : IANS

Arvind Kejariwal Dalai Lama Tibetan spiritual leader manish shishodia education based on practical dalai lama in delhi
      
Advertisment