Free Boarding Schools: हर माता-पिता का सपना होता है कि वो अपने बच्चों के ऐसे स्कूलों में पढ़ाएं जहां उन्हें अच्छी शिक्षा मिले और वे अपने भविष्य को संवार पाएं. लेकिन प्राइवेट स्कूलों की महंगी फीस मध्यम, कमजोर और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले ऐसे माता-पिता के सपनों को पूरा नहीं होने देती. ऐसे में उन्हें अपने बच्चों को स्थानीय सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाना पड़ता है.
ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे स्कूलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आपका हर वो सपना पूरा होगा, जो आपने अपने बच्चों के लेकर देखा है. क्योंकि ये स्कूल भारत के बेहतरी स्कूलों में शामिल हैं. जहां न तो बढ़ाई का पैसा देना होता और ना ही स्कूल है. यही नहीं सरकार की तरफ से इन बच्चों को किताबों से लेकर उनकी यूनिफॉर्म और खाने पीने की सभी व्यवस्थाएं फ्री में की जाती है. हालांकि इन स्कूलों में एडमिशन के लिए बच्चे के मेधावी यानी बेहद होशियार होना जरूरी है. क्योंकि प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ही इन स्कूलों में बच्चों को एडमिशन मिलता है.
ये हैं भारत सरकार के बोर्डिंग यानी आवासीय स्कूल
भारत सरकार द्वारा संचालित कुछ प्रमुख फ्री बोर्डिंग स्कूलों में पहला नाम शामिल है जवाहर नवोदय विद्यालय का. इसके बाद एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शामिल हैं. इन स्कूलों में छात्रों को मुफ्त शिक्षा के साथ आवास, भोजन और अन्य सुविधाएं प्रदान बिल्कुल फ्री में दी जाती हैं.
जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV)
बता दें कि देशभर के सभी जिलों में एक जवाहर नवोदय विद्यालय है. जहां उसी जिले के बच्चों को एडमिशन होता है. ये स्कूल 6वीं क्लास से 12वीं तक है. इनमें 6 और 9 क्लास में एडमिशन होता है. जिसके लिए हर साल नवोदय विद्यालय समिति प्रवेश परीक्षा का आयोजन करती है. जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होती है. नवोदय विद्यालय में छात्रों को मुफ्त आवास, भोजन, कपड़े, किताबें और अन्य स्टेशनरी प्रदान की जाती है.
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS)
ये स्कूल मुख्य रूप से आदिवासी छात्रों के लिए केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए हैं. इन स्कूलों में भी मुफ्त शिक्षा, आवास, भोजन और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV)
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को मुख्य रूप से लड़कियों के लिए बनाया गया है. जहां सिर्फ लड़कियों को ही एडमिशन मिलता है. ये स्कूल ग्रामीण, पिछड़े और वंचित समुदायों की लड़कियों को शिक्षा प्रदान करते हैं. इन स्कूलों में कक्षा 6 से 8 तक की लड़कियों को मुफ्त शिक्षा, आवास और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.
सैनिक स्कूल
देशभर में तमाम सैनिक स्कूल हैं. जहां कुछ हद तक मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाती है. खासकर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को इन स्कूलों में मुफ्त शिक्षा मिलती है.
केंद्रीय विद्यालय (KV)
इन स्कूलों में भी कुछ योजनाओं के तहत बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है. सभी स्कूलों में अपनी प्रवेश प्रक्रिया होती है, लेकिन आमतौर पर प्रवेश परीक्षा, साक्षात्कार और दस्तावेजों के आधार पर ही छात्रों का एडमिशन होता है.
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