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एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती पेपर लीक केस: यूपी लोक सेवा आयोग के दफ्तर के बाहर छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठी चार्ज

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती पेपर लीक केस: यूपी लोक सेवा आयोग के दफ्तर के बाहर छात्रों का प्रदर्शन

Updated on: 31 May 2019, 02:03 PM

highlights

  • यूपी लोक सेवा आयोग के ऑफिस के बाहर लगभग एक हजार से ज्यादा प्रतियोगी छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं.
  • एसटीएफ ने इस मामले में जांच करते हुए कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस संचालक कौशिक कुमार को तीन दिन पहले गिरफ्तार कर लिया.
  • आयोग के सचिव जगदीश ने जो प्रेस नोट जारी किया है, उसमे न तो कोई वजह बताई गई है और न ही नई तारीख घोषित की गई है. 

प्रयागराज:

यूपी लोक सेवा आयोग से बड़ी खबर सामने आई है. यूपी लोक सेवा आयोग के ऑफिस के बाहर लगभग एक हजार से ज्यादा प्रतियोगी छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. यूपी लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों का हंगामा जारी है.एलटी ग्रेड भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले को लेकर हैं आक्रोशित हैं. आक्रोशित छात्र आयोग के खिलाफ पोस्टर बैनर लेकर लगातार नारेबाजी कर रहे हैं. छात्र परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार के कार्यकाल में हुई भर्तियों को रद्द करने की कर रहे मांग. इसके साथ ही उनकी मांग है कि परीक्षा नियंत्रक अंजु कटियार के कार्यकाल में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच हो.

पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर प्रतियोगी छात्रों को खदेड़ा. भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने की पुलिस पर पत्थरबाजी की. छात्र और पुलिस के बीच हुई नोक झोंक में कई छात्रों को चोटें आई हैं. पुलिस छात्रों को तितर बितर करने के लिए लाठियां भाजने की जरुरत पड़ गई. पुलिस ने पेट्रोलिंग कर इलाके को कराया खाली कराया है. आयोग दफ्तर के आस-पास की दुकानें बंद कराई गई हैं.

लोक सेवा आयोग के बाहर पुलिस को छात्रों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस के साथ पीएसी और आरएएफ भी तैनात किए गए हैं. उग्र छात्र लगातार नारेबाजी कर रहे हैं और आयोग की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर रुट डायवर्जन किया गया है.

ये परीक्षाएं 17 से 21 जून तक होनी थीं. परीक्षाएं क्यों टाली गईं, फिलहाल आयोग के पास इसका कोई जवाब नहीं है. वैसे ज़्यादातर अभ्यर्थियों ने पीसीएस की मुख्य परीक्षाएं टाले जाने के फैसले का स्वागत किया है. आयोग ने अभी कोई नई तारीख भी घोषित नहीं की है. 

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एलटी ग्रेड भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार के खिलाफ केस दर्ज होने और प्रिंटिंग प्रेस संचालक की गिरफ्तारी के बाद मचे कोहराम से बचने के लिए आयोग ने बैकफुट पर आते हुए यह कदम उठाया है. इस मामले में अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी भी दाखिल की थी. हाई कोर्ट में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई से ठीक पहले आयोग ने अचानक मुख्य परीक्षाएं टालने का एलान कर सभी को चौंका दिया है.

यूपी पीसीएस 2018 की प्रारंभिक परीक्षा पिछले साल हुई थीं, जिसमे 5 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इसी साल 30 मार्च को प्री परीक्षा के नतीजे घोषित किये गए. जिसमें 19608 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था. इन अभ्यर्थियों को 17 से 21 जून तक होने वाली मुख्य परीक्षा में शामिल होना था. इस बीच परीक्षा का पैटर्न बदलने के बाद कई अभ्यर्थियों ने मुख्य परीक्षा को टाले जाने की मांग की. इस मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. हाईकोर्ट में इस मामले की शुक्रवार को सुनवाई होनी है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पिछले दिनों एलटी ग्रेड टीचर्स के करीब साढ़े दस हजार पदों के लिए जो भर्ती परीक्षा आयोजित की, उसका पेपर लीक होने की चर्चा जोरों पर रही.

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तीन दिन पहले प्रेस संचालक गिरफ्तार
एसटीएफ ने इस मामले में जांच करते हुए कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस संचालक कौशिक कुमार को तीन दिन पहले गिरफ्तार कर लिया. एसटीएफ ने वाराणसी पुलिस के साथ मिलकर आयोग में छापेमारी भी की. यहां की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार का लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त कर उनके समेत नौ लोगों के खिलाफ वाराणसी में मुकदमा दर्ज किया गया. चर्चा इस बात की भी है कि प्रिंटिंग प्रेस संचालक के पास से पीसीएस मेंस परीक्षा के प्रश्न पत्र भी बरामद हुए हैं.

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आयोग के खिलाफ लामबंद हुए प्रतियोगी छात्र
इस बीच अभ्यर्थियों और छात्र संगठनों ने आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और जगह जगह प्रदर्शन कर रहे हैं. माना जा रहा है कि कई फ्रंट पर घिरने के बाद आयोग ने आनन फानन में परीक्षाएं टाले जाने का फैसला लिया. आयोग के सचिव जगदीश ने जो प्रेस नोट जारी किया है, उसमे न तो कोई वजह बताई गई है और न ही नई तारीख घोषित की गई है. वहीं दूसरी ओर वाराणसी एसटीएफ गुरुवार की शाम आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को अपने साथ वाराणसी ले गयी. सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ के पास परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और वह देर रात तक उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है.