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Exam में उसके नंबर कभी अच्छे नहीं आए लेकिन उसने किया कुछ ऐसा कि देखती रह गई दुनिया

आपकी अगली सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितनी जल्‍दी इस निराशा के भंवर से निकल पाते हैं. तमाम कोशिशों के बावजूद अगर नहीं निकल पा रहे तो ये कहानी पढ़िए...

Updated on: 02 May 2019, 04:32 PM

नई दिल्‍ली:

यह स्‍कूल रिजल्‍ट्स का महीना है. तमाम राज्‍यों के 10वीं और 12वीं के Exam Results आ चुके हैं या आने वाले हैं. जहां लाखों बच्‍चे परीक्षा दिए हों वहां टॉपरों की लिस्‍ट में चंद नाम ही आ सकते हैं. इसी तरह सभी Student प्रथम श्रेणी में पास नहीं हो सकते. हो सकता है आपने बहुत अच्‍छी तैयारी कर रखी थी लेकिन Examination Hall में आपका प्रदर्शन अच्‍छा नहीं रहा और इस बार नंबर कम आ गए. ऐसे में निराश होना स्‍वाभाविक है. लेकिन आपकी अगली सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितनी जल्‍दी इस निराशा के भंवर से निकल पाते हैं. तमाम कोशिशों के बावजूद अगर नहीं निकल पा रहे तो ये कहानी पढ़िए...

एक धनी वकील अपने बेटे को पढ़-लिखकर इस मुकाम पर पहुंचाना चाहता था कि वह उसका नाम रोशन करेगा. बड़ी उम्मीदों से उसने बेटे को स्कूल भेजा. बेटा और बच्‍चों की तरह स्‍कूल तो गया पर उसका मन पढ़ाई में लगता ही नहीं था. नतीजन उसे उसे स्‍कूल और घर में डांट पड़ती.

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जैसे-जैसे उनकी पढ़ाई बढ़ती गई, वो उससे दूर भागने लगे. वो अक्‍सर क्लास गोल करने लगा. स्कूल में कक्षाएं चलती थीं और बाहर फिल्‍ड में किसी बेंच पर बैठे उस बच्‍चे के मन में कुछ और. पढ़ाई में मन नहीं लगने के कारण उसके नंबर कभी अच्छे नहीं आए. मां-बाप चिंतित थे. वो बार-बार बेटे को पढ़ने के लिए कहते थे, लेकिन वह साफ-साफ कह देता था कि उसका पढ़ाई में मन ही नहीं लगता. नामी वकील का बेटा वकील नहीं बनना चाहता था.

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उसने किसी तरह हाईस्कूल पास किया और उसे आगे की पढ़ाई के लिए हार्वर्ड भेजा गया, लेकिन उसने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी. वह अपने दोस्त के साथ कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग में जुट गया. उसका ये दोस्त पहले ही अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ चुका था. पेरेंट्स ने दोनों को बहुत डांटा, लेकिन उन पर कोई फर्क नहीं पड़ा. वह अपनी ही मर्जी के मालिक बन चुके थे. हालांकि पढ़ाई बीच में छोड़ने के कारण वह मजाक के पात्र जरूर बन गए थे. पिता के परिचितों से लेकर दोस्त तक जो भी मिलता था, उन पर फब्ती जरूर कस देता. उनकी खराब पढ़ाई लिखाई का मजाक बनाता था.

ये दोनों दोस्‍त थे पॉल एलन और बिलगेट्स. अमीर वकील का बेटा बिल गेट्स अपने दोस्त एलन के साथ मिलकर कंप्यूटर प्रोग्रामिंग कर रहे होते थे तो उनके पेरेंट्स को यही लगता था कि वह अपना समय बर्बाद कर रहे हैं. और थक हारकर पेरेंट्स ने मान लिया कि वह हाथ से निकल चुके हैं. लिहाजा उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया.

और जिद ने दुनिया बदल दी

जब बिल गेट्स ने पॉल एलन के साथ मिलकर अल्टवेयर के नाम से पहला प्रोग्राम बनाया, तो ये काफी अच्छा रहा. बस इसके बाद बिल और पॉल ने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी बनाई. पहले तो माइक्रोसॉफ्ट ने दूसरी कंपनियों के लिए साफ्टवेयर बनाए, लेकिन जब विंडो पेश किया तो उसके बाद दुनियाभर के कंप्यूटर्स के ऑपरेटिंग सिस्टम विंडो पर चलने लगे. विंडो के जरिए माइक्रोसाफ्ट ने जो क्रांति की, उसके बाद ना कंपनी ने पीछे मुड़कर देखा और ना ही बिल गेट्स ने.

नंबर वन धनी रहे

बिल गेट्स पिछले 20 से कहीं अधिक सालों तक दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति रहे. अब भी वह दुनिया के टॉप पांच धनी लोगों में शुमार हैं. लेकिन ये वही गेट्स थे जिनका मन बेशक पढ़ाई में नहीं लगता था, लेकिन उनके पास एक अलग तरह का टैलेंट था.