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UPPSC ( Photo Credit : Social Media)
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यूपीपीएससी द्वारा आयोजित सिविल जज परीक्षा की गड़बड़ी सामने आई है. इसे लेकर अब नया हंगामा शुरू हो गया है.याचिका की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी.
UPPSC ( Photo Credit : Social Media)
UP Judge Exam: यूपीपीएससी द्वारा आयोजित सिविल जज परीक्षा की गड़बड़ी सामने आई है. इसे लेकर अब नया हंगामा शुरू हो गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग ने पीसीएस जे मुख्य परीक्षा 2022 के परिणाम गड़बड़ी स्वीकार की और 3 अगस्त तक नये सिरे से गड़बड़ी वाले अभ्यर्थियों के री-एग्जाम घोषित करने की हलफनामा दाखिल कर उप सचिव ने जानकारी दी है. श्रवण पांडेय की याचिका की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस डी सिंह तथा न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले को गंभीर माना और लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. याचिका की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी.
कोर्ट ने कही ये बात
याची अधिवक्ता विभु राय ने बताया कि आयोग के उप सचिव के हलफनामे में स्वीकार किया गया कि इंटरमिक्सिंग हुई है. लगभग ऐसे 50 अभ्यर्थियो के परिणाम में इंटरमिक्सिंग का पता चला है. इनके परिणाम फिर से जारी किए जाएंगे. कोर्ट उप सचिव के हलफनामे को संतोषजनक नहीं माना और चेयरमैन को चार विंदुओं पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पूछा है कि कितने अभ्यर्थियों का परिणाम सही नहीं है, यदि फिर से इनके परिणाम तैयार होंगे तो कितने लोग बाहर होंगे. चयन से बाहर जाने औ अंदर आने वालों के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी? कोर्ट ने 3 अगस्त की टाइमलाइन को सही नहीं माना और कहा कि पहले कार्यवाही पूरी की जाए.
इससे पहले कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को अभ्यर्थियों की सभी 6 प्रश्न पत्रों की उत्तर पुस्तिकाएं कोर्ट के सामने प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. याची श्रवण पांडेय अभ्यर्थी ने आरोप लगाया है कि उसकी अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका में हैंडराइटिंग बदली हुई है तथा एक अन्य उत्तर पुस्तिका के कुछ पन्ने फाड़े गए हैं. जिसकी वजह से वह मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो पाया.
क्या है पूरा मामला
याची का कहना था कि वह 2022 पीसीएस जे मुख्य परीक्षा में शामिल हुआ था, जिसका परिणाम 30 अगस्त 2023 को जारी किया गया. याची को मुख्य परीक्षा में जो भी अंक मिले थे उससे वह संतुष्ट नहीं था. उसने आरटीआई के तहत आयोग से जानकारी मांगी तो उसे 6 प्रश्न पत्रों में मिले प्राप्तांक की जानकारी मिली. पता चला की अंग्रेजी प्रश्न पत्र में उसे 200 में से मात्र 47 अंक मिले हैं. इससे असंतुष्ट होकर उसने आरटीआई के तहत 6 प्रश्न पत्रों की उत्तर पुस्तिकाएं दिखाने की मांग की. उत्तर पुस्तिकाएं देखने पर पता चला की अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका में उसकी हैंडराइटिंग नहीं है, जो कि उसने अन्य प्रश्न पत्रों में लिखी है. साथ ही हिंदी की उत्तर पुस्तिका के तीन चार पन्ने फटे हुए पाए गए. इस पर कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया है कि याची की सभी 6 उत्तर पुस्तिकाओं को अदालत के सामने प्रस्तुत किया जाए ताकि उसका मिलान करके यह पता लगाया जा सके की अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिका में याची की हैंडराइटिंग है या नहीं है. अब आयोग ने परिणाम के इंटरमिक्सिंग की बात स्वीकार कर दुरूस्त करने का हलफनामा दाखिल किया है.
Source : News Nation Bureau