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UGC ने CUET रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ाई, अब 22 तक कराएं पंजीकरण

सीयूआईटी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में यूजी प्रवेश के लिए तैयार की गई है. शिक्षा मंत्रालय स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए इसे एक अखिल भारतीय प्रवेश प्रक्रिया बनाना चाहता है.

Updated on: 06 May 2022, 10:55 AM

highlights

  • 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय अलग-अलग एंट्रेस टेस्ट ले रहे थे
  • सीयूईटी के रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख अब 22 मई की गई
  • परीक्षा का सिलेबस 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम पर ही आधारित 

नई दिल्ली:

देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों (Central University) में दाखिले के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अब 22 मई तक जारी रहेगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने की अंतिम तिथि आगे बढ़ाने का फैसला किया है. पहले 6 मई को यह प्रक्रिया समाप्त होने जा रही थी. छात्र 6 मई तक यह परीक्षा देने के लिए अपना पंजीकरण करा सकते थे. हालांकि अब 22 मई तक पंजीकरण कराया जा सकता है. यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने इस विषय पर आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा, हम कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 22 मई तक बढ़ा रहे हैं. हमें उम्मीद है कि यह छात्रों को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के लिए आवेदन करने का अतिरिक्त अवसर प्रदान करेगा.

45 केंद्रीय विश्वविद्य़ालयों ने यूजी प्रवेश के लिए परीक्षा
सीयूआईटी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में यूजी प्रवेश के लिए तैयार की गई है. शिक्षा मंत्रालय स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए इसे एक अखिल भारतीय प्रवेश प्रक्रिया बनाना चाहता है. यूजीसी इसके लिए बकायदा को सभी राज्य और निजी विश्वविद्यालयों एवं अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों से संपर्क कर रहा है. यूजीसी के मुताबिक कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसके लागू होने के उपरांत छात्रों को अलग-अलग विश्वविद्यालयों के लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं नहीं देनी होंगी. इससे पहले देश भर के 14 केंद्रीय विश्वविद्यालय अपना अलग-अलग एंट्रेंस टेस्ट आयोजित कर रहे थे. हालांकि अब केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए केवल सीयूआईटी देना होगा. इसी टेस्ट के आधार पर विभिन्न अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिला मिल सकेगा.

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साल में दो बार होगी सीयूईटी
कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) साल में दो बार होंगे. हालांकि इसके लिए अभी इंतजार करना होगा. यह परीक्षाएं साल में दो बार करने का निर्णय अगले वर्ष से लागू किया जाएगा. अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए इस एंट्रेंस टेस्ट के 2 सेशन आयोजित होने पर छात्रों को अधिक विकल्प उपलब्ध हो सकेंगे. फिलहाल अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए यह कॉमन एंट्रेंस टेस्ट आयोजित किया जा रहा है लेकिन अगले साल पीजी कोर्स के लिए भी सीयूईटी का आयोजन किया जा सकता है. सीयूईटी साल में दो बार आयोजित करने के साथ ही हर वर्ष इस परीक्षा का पैटर्न भी बदला जाएगा. हालांकि परीक्षा का सिलेबस 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम पर ही आधारित होगा.

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति में की गई थी वकालत
यूजीसी का कहना है कि विशेष रूप से अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा का उपयोग एक वैश्विक बात बन गई है. हालांकि यह अवधारणा पूरी तरह से नई नहीं है. 2010 से 14 केंद्रीय विश्वविद्यालय एक प्रवेश परीक्षा आयोजित कर रहे हैं और कई केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे जेएनयू, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी और बीएचयू अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित कर रहे हैं. यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस बात की वकालत की गई है कि हमें प्रवेश परीक्षाओं की बहुलता को दूर करना चाहिए और एक ही परीक्षा देनी चाहिए ताकि छात्रों को कई प्रवेश परीक्षाएं लिखने की कठिनाइयों से न गुजरना पड़े.