NTA ने CUET की मार्किंग स्कीम में किया बदलाव, छात्रों को यह होगा फायदा
यूजीसी ने सभी राज्य सरकारों और प्राइवेट विश्वविद्यालयों से छात्रों को अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) अपनाने की अपील की है.
highlights
- प्रश्न वापस लेने या गलत होने पर 5 अंक का प्रावधान
- केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए एकल परीक्षा
- एकल परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी आयोजित करवाएगी
नई दिल्ली:
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) 2022 में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है. एनटीए के अनुसार 2022 के लिए मार्किंग स्कीम में संशोधन किया गया है. अब यदि प्रश्न में कोई प्रश्न गलत पाया जाता है या कोई किसी प्रश्न को वापस लिया जाता है, तो ड्रॉप किए गए प्रश्न के बदले उम्मीदवारों को 5 अंक दिए जाएंगे. हालांकि यह 5 अंक सभी छात्रों को नहीं मिल सकेंगे. इसके लिए भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कुछ प्रावधान किए हैं. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक यह 5 अंक केवल उन्हीं छात्रों को दिए जाएंगे, जो इस संबंधित प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे.
गलत प्रश्न होने पर मिलेंगे 5 अंक
गौरतलब है कि कई परीक्षाओं में ऐसा देखने को मिलता है कि पूछे गए प्रश्न के सभी विकल्प गलत पाए जाते हैं. ऐसी स्थिति में परीक्षा आयोजित करवाने वाली संस्था उन गलत प्रश्नों को वापस ले लेती है. अब यदि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के दौरान ऐसा होता है तो प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करने वाले छात्रों को 5 अंक दिए जाएंगे. यूजीसी के मुताबिक कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसके लागू होने के उपरांत छात्रों को अलग-अलग विश्वविद्यालयों के लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं नहीं देनी होंगी. इससे पहले देशभर के 14 केंद्रीय विश्वविद्यालय अपना अलग-अलग एंट्रेंस टेस्ट आयोजित कर रहे थे. हालांकि अब केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए केवल सीयूईटी देना होगा. इसी टेस्ट के आधार पर विभिन्न अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिला मिल सकेगा. यह परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित करवाई जाएगी.
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अब केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए एकल परीक्षा
यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार बताया कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए कई प्रवेश परीक्षाओं को लिखने की कठिनाइयों को समाप्त कर देगा. पहले छात्रों को 14 केंद्रीय विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा में लिखना पड़ता था, लेकिन अब छात्र केवल एकल प्रवेश परीक्षा में लिख सकते हैं. यूजीसी ने सभी राज्य सरकारों और प्राइवेट विश्वविद्यालयों से छात्रों को अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) अपनाने की अपील की है. यूजीसी की मदद से शिक्षा मंत्रालय केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय भी प्राइवेट विश्वविद्यालयों को भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित कर रहा. यदि यह प्रयास संभव हो पाता है तो प्राइवेट विश्वविद्यालयों, राज्यस्तरीय विश्वविद्यालयों और डीम्ड विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए यह एक कदम महत्वपूर्ण होगा.
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