Supreme Court Verdict On NEET UG: सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी पर फैसला सुना दिया है. लंबे इंतजार और दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी परीक्षा को दोबारा आयोजित करने से इंकार कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने माना की पेपर लीक को लेकर कोई विवाद नहीं है. 8 जुलाई से सुप्रीम कोर्ट में भी इस पर सुनवाई चल रही है. 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी 2024 से संबंधित 40 याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी. जिसमें कई नए सवाल उठे और कुछ चौंकाने वाले खुलासे भी हुए.
SC ने कहा कि किसी को NEET रिजल्ट को लेकर अपनी शिकायत है, वो HC जा सकते है.
दोबारा नहीं होगी नीट की परीक्षा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे पता चले कि नीट-यूजी के नतीजे पूरी तरह से गलत हैं और इसकी व्यवस्थागत उल्लंघन हुआ है. लगभग 24 लाख छात्र राहत की सांस ले सकते हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि NEET-UG 2024 के लिए कोई दोबारा परीक्षा नहीं होगी. लेकिन 13 लाख छात्रों की रैंकिंग में फेरबदल होगा क्योंकि IIT-D ने 4 अंकों वाले परमाणु सिद्धांत प्रश्न के लिए NTA द्वारा अनुमोदित दो विकल्पों में से एक को सही करार दिया है.
सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि परीक्षा दोबारा नहीं होगी. क्योंकि इससे लाखों उम्मीदवारों के भिवष्य पर असर पड़ेगा. पूरी परीक्षा कैंसल करना उचित नहीं होगा. परीक्षा में खामी का प्रयाप्त सबूत नहीं पाया गया है. कोर्ट ने कहा कि हम आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं और उसके उत्तर के हिसाब से एनईईटी यूजी परिणाम की फिर रिजल्ट जारी करे और विकल्प 4 प्रश्न का एकमात्र सही उत्तर माना जाए.
पेपर लीक में शामिल होने वाले छात्रों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो छात्र पेपर लीक में शामिल हैं उसे अन्य बाकी छात्रों से अलग किया जा सकता है.यदि जांच में लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि का पता चलता है तो काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद किसी भी स्तर पर ऐसे किसी भी छात्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.जो कोई भी छात्र जो इस धोखाधड़ी में शामिल पाया जाता है या लाभार्थी है, उसे प्रवेश पाने का अधिकार नहीं होगा.
कोर्ट को लगता है कि इस साल के लिए नए सिरे से नीट यूजी परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका खामियाजा इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ेगा और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा होगा, चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा. भविष्य में योग्य चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा और वंचित समूह के लिए गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा, जिसके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया था.
ये भी पढ़ें-Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने माना हजारीबाग, पटना तक केवल नहीं हुआ पेपर लीक, कई लाख छात्र हुए प्रभावित
देश और दुनिया की लेटेस्ट खबरें अब सीधे आपके WhatsApp पर. News Nation के WhatsApp Channel को Follow करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: https://www.whatsapp.com/channel/0029VaeXoBTLCoWwhEBhYE10
Source : News Nation Bureau