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Engineers Day 2024: कौन थे सर विश्वेश्वरैया जिनके जन्म पर मनाया जाता है

भारत में हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे (Engineers Day) मनाया जाता है. यह दिन विशेष रूप से देश के महान इंजीनियर और भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को समर्पित है, जिनकी जयंती इस दिन होती है.

भारत में हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे (Engineers Day) मनाया जाता है. यह दिन विशेष रूप से देश के महान इंजीनियर और भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को समर्पित है, जिनकी जयंती इस दिन होती है.

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Priya Gupta
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Engineers Day 2024

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Engineers Day 2024: भारत में हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे (Engineers Day) मनाया जाता है. यह दिन विशेष रूप से देश के महान इंजीनियर और भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को समर्पित है, जिनकी जयंती इस दिन होती है. उनके योगदान को याद करने और इंजीनियरिंग क्षेत्र में उनके अविस्मरणीय कार्यों को सराहने के लिए यह दिन मनाया जाता है.  सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया, जिन्हें आमतौर पर एम.वी. के नाम से जाना जाता है, भारतीय इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक आदर्श व्यक्तित्व थे. उन्होंने बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई तकनीकों में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनकी विशेषज्ञता ने भारत के बांधों, जलाशयों और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाई.

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उनके द्वारा विकसित की गई तकनीकें और योजनाएं आज भी प्रभावशाली हैं. 1955 में, भारत सरकार ने उन्हें उनके असाधारण योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया. इंजीनियर्स डे, सर विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ इंजीनियरों की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देने का दिन है. यह दिन यह भी याद दिलाता है कि कैसे इंजीनियरों ने टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाया, जीवन को बेहतर और सुगम बनाया, और आर्थिक विकास को गति दी.

सर विश्वेश्वरैया का जीवन

सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1861 को कर्नाटक के मैसूर जिले के क्काबल्लापुर तालुक में एक तेलुगू परिवार में हुआ था. उनका पूरा नाम सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया था, और लोग उन्हें प्यार से 'विश्वा' कहकर बुलाते थे. उनके पिता, श्रीनिवास शास्त्री, एक संस्कृत विद्वान और आयुर्वेद के डॉक्टर थे.विश्वेश्वरैया जब केवल 12 वर्ष के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया.

विश्वेश्वरैया को बचपन से ही विज्ञान के प्रति गहरी रुचि थी. 1883 में पूना के साइंस कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद, उन्हें तुरंत सहायक इंजीनियर के पद पर सरकारी नौकरी मिल गई. उनकी प्रतिभा और समर्पण ने उन्हें 1909 में मैसूर के दीवान द्वारा राज्य के चीफ इंजीनियर के पद पर नियुक्त किया. बाद में, मैसूर के राजा ने उनके शानदार काम को देखते हुए उन्हें मैसूर का दीवान नियुक्त कर दिया.

इंजीनियर्स डे की महत्व

इंजीनियर्स डे, इंजीनियरिंग पेशेवरों की कड़ी मेहनत और समर्पण को मान्यता देने का अवसर है. यह दिन इंजीनियरों के असाधारण योगदान को सराहने और उनके द्वारा किए गए कठिन कार्यों को उजागर करने का अवसर है. वे न केवल तकनीकी उन्नति में भूमिका निभाते हैं, बल्कि हमारे जीवन की जटिलताओं को सुलझाने और उन्हें आसान बनाने में भी मदद करते हैं. 15 सितंबर को, हम सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया और उनके जैसे अन्य इंजीनियरों की उपलब्धियों का उत्सव मनाते हैं, जो हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं.

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