वर्ष 2026 में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की कक्षा 10 वीं की परीक्षा दो बार होनी है. बोर्ड अभी तक इसका फीडबैक ले रहा था. फिलहाल 10 वीं में यह व्यवस्था लागू होने वाली है. पहली बोर्ड परीक्षा फरवरी के मध्य में होगी. अब तक बोर्ड की एक ही परीक्षा होती थी. मगर बदले पैटर्न से अब स्कूलों के पास 10वीं के परीक्षार्थियों को तैयारी कराने के लिए सात माह का वक्त है.
ऐसे में अगर पहली परीक्षा में किसी विषय में उम्मीदवार का प्रदर्शन खराब होता है तो विद्यार्थी मई में दूसरी बोर्ड परीक्षा में गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व भाषाओं में से अधिकतम तीन विषयों में पेपर दे सकते हैं. दूसरी बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों को अपना रिजल्ट बेहतर करने मौका मिलेगा. उम्मीदवार यह न समझें कि उसका दोनों में से किसी एक बोर्ड परीक्षा में शामिल होकर काम चलने वाला है. अगर परीक्षार्थी पहली बोर्ड परीक्षा में बैठेगा नहीं तो वह दूसरी में भी शामिल नहीं हो सकेंगे.
इन प्वाइंट पर ध्यान दें
- सभी विद्यार्थियों का पहली बोर्ड परीक्षा में शामिल होना जरूरी है. दूसरी बोर्ड परीक्षा में किन्हीं तीन विषयों में प्रदर्शन सुधारने का अवसर मिलेगा.
- अगर पहली बोर्ड परीक्षा में तीन या उससे अधिक विषयों की परीक्षा नहीं देता है तो दूसरी बोर्ड परीक्षा में वह शामिल नहीं हो सकेगा.
- इस तरह के उम्मीदवार जो तीन या उससे अधिक विषयों की परीक्षा नहीं देता है तो उसे आश्वयक पुनरावृत्ति में रखा जाएगा. फरवरी 2027 की मुख्य परीक्षा संग ही उसे परीक्षा देनी होगी.
- 10वीं की परीक्षा को पास करने के बाद अतिरिक्त विषयों में परीक्षा देने की इजाजत नहीं होगी.
पठन-पाठन व्यवस्था में कोई बाधा नहीं आएगी
सीबीएसई के डिप्टी सिटी कोआर्डिनेटर गोपाल दीक्षित का कहना है कि हर वर्ष बोर्ड परीक्षा मध्य फरवरी में आरंभ होती है. इसमें किसी तरह बदलाव नहीं है. पहली बोर्ड परीक्षा अपने तय समय पर होनी है. ऐसे किसी तरह कोई बदलाव नहीं है. इससे पाठ्यक्रम पूरा करने या अन्य पठन-पाठन व्यवस्था में कोई बाधा नहीं आएगी. उनके ख्याल से सभी को इसका स्वागत करने की जरूरत है. विद्यार्थियों को भी प्रदर्शन बेहतर करने का अतिरिक्त अवसर मिल सकेगा.