Success Story: यूपीएससी की परीक्षा दुनिया के सबसे कठिन परीक्षा की लिस्ट में शामिल है. इस कठिन परीक्षा को निकालने के लिए कठिन परिश्रम भी करनी होती है. इस परीक्षा को पास करने वाले लाखों उम्मीदवारों में से कुछ लोगों की ऐसी कहानी होती है, जिसके बारे में सुनकर यकिन कर पाना मुश्किल होता है. आज हम आपको ऐसी ही कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी संघर्ष की कहानी काफी इमोशनल हैं, इस कहानी (UPSC Exam) से आपको प्रेरणा मिलेगी. ये कहानी है हेमंत की, जिन्होंने साल 2023 में यूपीएससी की परीक्षा पास की है.
मां कर चुकी हैं दिहाड़ी मजदूरी
हेमंत ने बिना किसी कोचिंग के ये परीक्षा पास की है. वह एक बेहद ही साधारण पृष्टभूमि से आते हैं. उनके पिता एक स्थानिय पुजारी हैं और उनकी मां मनरेगा के तहत दिहाड़ी मजदूरी करती थी. हेमंत ने पहली बार कलेक्टर के बारे में तब सुना था जब वह अपनी मां के साथ मजदूरी के लिए गए थे. कहा जाता है कि उन्होंने अपनी मां को मनरेगा के अधिकारियों से लड़ते देखा था. उसके बाद उनके दिमाग में ये बात बैठ गई. बड़े होकर उन्होंने कलेक्टर बनने की पूरी प्रोसेस के बारे में पता लगाया.
यूपीएससी की कोचिंग के लिए पैसे तक नहीं थे
हेमंत ने साल 2023 में परीक्षा में 884 रैंक हासिल किया था. अपने कॉलेज में ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी. उन्होंने अपने पहले प्रयास में प्री परीक्षा निकाल ली थी. लेकिन तैयारी बेहतर न होने के कारण मेन्स परीक्षा नहीं निकाल पाए. कभी हार न मानने वाले हेमंत ने दूसरी बार कोशिश की और दूसरी बार में उन्होंने 884वीं रैंक हासिल की थी. हेमंत ने अपनी प्राथमिक शिक्षा हिंदी मीडियम से पूरी की थी. यूपीएससी की तैयारी में उन्होंने काफी मेहनत की थी. उनके पास कोचिंग के लिए पैसे तक नहीं थे. लेकिन इस मुश्किल घड़ी में उन्होंने सफलता हासिल कर ली.
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Source : News Nation Bureau