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IAS Success Story: बचपन में गरीबी का उड़ाया मजाक, IAS बनकर दिया करारा जवाब, रिक्शेवाले का बेटा बना ऑफिसर

उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा पास कर ली. गोविंद जयसवाल का जन्म बनारस में हुआ था. उन्होंने अपनी पढ़ाई सरकारी स्कूल से की थी. 

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Priya Gupta
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IAS Success Story

IAS Success Story ( Photo Credit : Social Media)

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IAS Success Story: कभी-कभी किसी की बुरी बात ऐसी बुरी लगती है कि सबसे बड़ा मोटिवेशन मिल जाता है. या तो इंसान उस बातों को भूलकर आगे बढ़ जाता है या फिर उस बात का जवाब सफलता के साथ देते थे. एक ऐसी ही कहानी लेकर आए हैं जिन्होंने एक मजाक से अपनी जिदंगी बदल ली. आईएएस गोविंद जायसवाल जिन्होंने बचपन में ही ठान लिया था कि बड़े होकर उन्हें एक आईएएस अधिकारी बनना है. उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा पास कर ली. गोविंद जयसवाल का जन्म बनारस में हुआ था. उन्होंने अपनी पढ़ाई सरकारी स्कूल से की थी. 

गोविंद के पिता रिक्शा चलाते थे

उसके बाद उन्होंने बनारस की हरिश्चंद्र यूनिवर्सिटी से गणित में ग्रेजुएशन किया था. गोविंद के पिता रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट भरते थे. गोविंद की माता का बचपन में ही देहांत हो गया था. उन्होंने बचपन में ब्रेन हेमरेज से अपनी मां को खो दी. उनकी मां का ईलाज कराने के लिए उनके पिता ने अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी थी. उनके पिता ने गोविंद और उनकी बहनों को बड़े ही मुश्किल से पालन-पोषण किया. बचपन में एक बार गोविंद अपने दोस्त के घर खेलने गए थे. वहां जब उनके दोस्त के पिता को पता चला कि गोविंद के पिता रिक्शा चलाते हैं, तो उन्होंने गोविंद का बहुत मजाक उड़ाया. साथ ही अपने बच्चे को खेलने के लिए मना कर दिया.

एक बार में पास की यूपीएससी परीक्षा

इस घटना के बाद उन्होंने अपने टीचर से पूछा कि वो ऐसा करें कि उनका समाज में नाम हो लोग उनका सम्मान करे. उनके टीचर ने उन्हें कहा कि बड़ा होकर बड़े बिजनेस मैन बन जाओ या फिर एक आईएएस अधिकारी बन जाओ. तभी से गोविंद ने दिमाग में बैठ गया कि वो एक दिन आईएएस अधिकारी बनेंगे. यूपीएससी की तैयारी करने के लिए गोविंद दिल्ली आ गए और उनके पिता उन्हें हर महीने पैसे भेजते थे. उस समय भी उनके पिता रिक्शा चलाते थे. गोविंद को पता था कि उनके पिता दिन-रात एक कर रहे हैं उनकी कामयाबी के लिए इसलिए उन्होंने अपनी तैयारी के साथ-साथ बच्चों को ट्यूशन भी पढाया शुरू कर दिया है.

साल 2007 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी. उनकी ऑल इंडिया रैंक 48 आई थी. गोविंद जायसवाल की कहानी सभी के लिए प्रेरणा है, जो हालातों को अपनी जीत की राह के बीच की रुकावट नहीं बनने देते हैं.

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Source : News Nation Bureau

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