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कोडिंग के जरिए दिल्ली में छात्रों की हाई-टेक दुनिया

दिल्ली सरकार ने बच्चों को कोडिंग और प्रोग्रामिंग सिखाने को भविष्य से जुड़ी चुनौतियों का हिस्सा बताया है. राज्य सरकार के मुताबिक शिक्षा-प्रणाली में अब तक आधुनिक तकनीक और भविष्य से जुड़ी चीजों की कमी रहती थी.

दिल्ली सरकार ने बच्चों को कोडिंग और प्रोग्रामिंग सिखाने को भविष्य से जुड़ी चुनौतियों का हिस्सा बताया है. राज्य सरकार के मुताबिक शिक्षा-प्रणाली में अब तक आधुनिक तकनीक और भविष्य से जुड़ी चीजों की कमी रहती थी.

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Sushil Kumar
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Education Department decided the formula of 10th and 12th board result

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

दिल्ली सरकार ने बच्चों को कोडिंग और प्रोग्रामिंग सिखाने को भविष्य से जुड़ी चुनौतियों का हिस्सा बताया है. राज्य सरकार के मुताबिक शिक्षा-प्रणाली में अब तक आधुनिक तकनीक और भविष्य से जुड़ी चीजों की कमी रहती थी. लेकिन कोडिंग के जरिए हम दिल्ली के बच्चों को भविष्य की हाई-टेक दुनिया के लिए तैयार कर रहे हैं. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "हमारे बच्चों को कोडिंग सिखाने के लिए विभिन्न संस्थाओं का एक मंच पर आना बड़ी बात है. छात्राओं में कोडिंग और तकनीकी शिक्षा के लिए प्रेरित किया. आज बड़े पैमाने पर दिल्ली सरकार के 12,000 छात्र और छात्राओं ने कोडेथॉन कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला किया है.

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सिसोदिया ने गुरुवार को कोडेथॉन की लांचिंग की. एसकेवी, कालकाजी में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस दौरान दिल्ली सरकार द्वारा पिछले साल शुरू किया गया शी-कोड्स कार्यक्रम के जरिए कोडिंग सीखने वाली छह छात्राओं ने अपने बनाए एनिमेशन वीडियो का प्रदर्शन भी किया. इस कार्यक्रम में सातवीं कक्षा की 870 छात्राओं को कोडिंग और प्रोग्रामिंग का प्रशिक्षण दिया गया था. कोरोना संकट में स्कूल बंद होने के कारण एप के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है.

सिसोदिया ने कहा, "स्टीव जॉब्स के अनुसार दुनिया में हर व्यक्ति को कोडिंग सीखना चाहिए. दिल्ली सरकार ने भविष्य की इसी जरूरत को पूरा करने के लिए ऐसे प्रोग्राम शुरू किए हैं. भविष्य में कोडिंग ही हमारी सामान्य भाषा होगी. आज जिस तरह हम हिंदी, अंग्रेजी या अन्य भाषाओं का उपयोग करते हैं, उसी तरह भविष्य में जावा, पायथॉन वगैरह को सामान्य भाषा समझा जाएगा. इसलिए भविष्य में हमारा देश कहां होगा, इसे हमारी आज की शिक्षा ही तय करेगी."

सिसोदिया ने कहा कि, "हमारा सपना सिर्फ अपने बच्चों को शिक्षित करके अच्छा भविष्य देने तक सीमित नहीं हो, बल्कि हमें फिर से विश्वगुरु बनने का सपना देखना चाहिए. जिस तरह आज भारत में कुछ अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चों को अमेरिका या जापान में पढ़ने का अवसर मिले, उसी तरह अमेरिका और जापान के पेरेंट्स भी अपने बच्चों को भारत में पढ़ाने का सपना देखें."

इस दौरान हिना, प्रज्ञा, सना, टीया, दिशा तथा अलका नामक छात्राओं ने अपने बनाए एनिमेशन वीडियो का प्रदर्शन किया. इनमें गुड टच और बैड टच, पर्यावरण संरक्षण, बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता, कोरोना संबंधी बचाव, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और कोरोना वायरस जैसे विषय शामिल थे. संवाद के दौरान एक छात्रा ने बताया कि, "उसके पापा ऑटो ड्राइवर हैं और मम्मी शॉपकीपर हैं. इस पर श्री सिसोदिया ने कहा, "अब तुम्हारे मम्मी-पापा कहेंगे कि मेरी बेटी कोडर है." वहीं एक शिक्षिका ने कहा, "जो चीजें हम बेटियों को नहीं मिल सकीं, वैसी चीजें इन बेटियों को देने के लिए दिल्ली सरकार को धन्यवाद."

Source : IANS

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