DM vs SP: किसी भी जिले को चलाने वाले मुख्य रूप से डीएम और एसपी होते हैं. इन दोनों पर जिले के अंदर व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है. ऐसे में, क्या आपने सोचा है कि डीएम और एसपी के बीच सबसे अधिक शक्ति किसके पास होती है? आज हम इस खबर में आपको यही बताने वाले है कि दोनों की क्या-क्या जिम्मेदारियां होती हैं और दोनों में से सबसे अधिक पावर किसके पास होता है. भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा दोनों ही भारत की प्रतिष्ठित सिविल सेवाएं हैं, लेकिन उनकी भूमिकाएं, जिम्मेदारियां और शक्तियां अलग-अलग होती हैं.
डीएम बनाम एसपी
अगर हम आईएएस की बात करें तो, ये लोक प्रशासन, नीति निर्माण और उसके कार्यान्वयन में सहायक होते हैं. डीएम के रूप में, एक आईएएस अधिकारी जिले के सभी विभागों का मुखिया होता है और समग्र विकास, राजस्व प्रशासन, तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है.
वहीं, आईपीएस अधिकारी यानी पुलिस अधिक्षक, ये अपराध की जांच, कानून व्यवस्था बनाए रखने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं. एसपी के रूप में, एक IPS अधिकारी अपने जिले में पुलिस बल का नेतृत्व करता है और क्राइम कंट्रोल, जांच, और शांति व्यवस्था सुनिश्चित करता है.
डीएम के पास होता है ये स्पेशल अधिकार
वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी के पास जिले के सभी विभागों की निगरानी का अधिकार होता है, जिसमें पुलिस विभाग भी शामिल होता है. जैसे कि कर्फ्यू लागू करना, धारा 144 लगाना, भीड़ नियंत्रण के आदेश देना आदि निर्णय DM के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. इसके अलावा, पुलिस अधिकारियों के तबादले के लिए भी DM की स्वीकृति आवश्यक होती है.
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किसकी अधिक होती है सैलेरी?
हालांकि IPS अधिकारी अपने विभाग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन उनके अधिकार मुख्यतौर पर पुलिस विभाग तक सीमित होते हैं. वे कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन कई मामलों में अंतिम निर्णय के लिए उन्हें जिलाधिकारी पर निर्भर रहना पड़ता है.
वहीं दोनों अधिकारियों की सैलरी की बात करें तो प्रारंभिक वेतनमान समान होता है, लेकिन IAS अधिकारियों को अतिरिक्त भत्ते और सुविधाएं मिलती हैं, जो उनकी आय को बढ़ाते हैं.
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