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10वीं-11वीं के नंबरों से तय होगा CBSE 12वीं का रिजल्ट, बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में बताया फॉर्मूला

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के रिजल्ट को लेकर सरकार की ओर से बनी 13 सदस्यीय कमेटी 12वीं के रिजल्ट को लेकर इवैल्यूएशन क्राइटेरिया सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पेश कर दिया है.

Updated on: 17 Jun 2021, 12:55 PM

highlights

  • 31 जुलाई तक आ जाएगा सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट
  • आंतरिक मूल्यांकन से असंतुष्ट छात्रों को परीक्षा में बैठने का मिलेगा मौका
  • याचिकाकर्ता और सुप्रीम कोर्ट इस फॉर्मूले से सहमत

नई दिल्ली:

CBSE Evaluation 2021: सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की मार्कशीट तैयार करने को लेकर बनी 13 सदस्यीय सम‍िति ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंप दी. सीबीएसआई ने बताया कि 10वीं, 11वीं और 12वीं के प्री बोर्ड के रिजल्ट को 12वीं के फाइनल रिजल्ट का आधार बनाया जाएगा. सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया है. सुनवाई के दौरान बहस की शुरुआत करते हुए अटॉर्नी जनरल (AG) ने कहा कि इस तरह की स्थिति पहले कभी नहीं आई. इसके अनुसार, स्टूडेंट्स को 10वीं बोर्ड में उनकी परफॉर्मेंस, 11वीं के फाइनल एग्जाम और 12वीं के प्री बोर्ड एग्जाम की परफॉर्मेंस के आधार पर मार्क्स दिये जाएंगे. जो छात्र आंतरिक मूल्यांकन से सन्तुष्ट नहीं होंगे उन्हें परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा. 31 जुलाई तक सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट आ जायेगा.

एजी ने बताया कि 10वीं कक्षा के लिए 5 विषय लिए गए हैं और तीन में से सर्वश्रेष्ठ का औसत निकाला गया है. कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए प्रैक्टिकल होते हैं. हम 10वीं से 30 फीसदी, 11वीं से 30 फीसदी और 12वीं से 40 फीसदी लेंगे. इस तरह उनके अंक निकलेंगे. एजी ने कहा- पिछले तीन वर्षों की बोर्ड परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ समग्र प्रदर्शन के संदर्भ में स्कूल के ऐतिहासिक प्रदर्शन को 2020-2021 के लिए स्कूल द्वारा मूल्यांकन किए गए अंकों को मॉडरेट करने के संदर्भ के रूप में लिया जाएगा. एजी ने सुनवाई के दौरान कहा-  ऐसे स्कूल हो सकते हैं जहां अन्य स्कूलों पर वरीयता प्राप्त करने के लिए जितना संभव हो उतना उच्च अंक देने की नीति हो सकती है, हजारों स्कूलों में से प्रत्येक के लिए एक तर्कसंगत समिति है. परिणाम समिति में दो सबसे वरिष्ठतम शिक्षक शामिल हैं. यदि आवश्यक हो, तो एक विशेषज्ञ को आमंत्रित किया जाएगा.

ये बना है फॉर्मूला
इस फॉर्मूले के अनुसार 12वीं के रिजल्ट में छात्रों को 30 फीसदी वेटेज 10वीं के रिजल्ट को, 30 फीसदी वेटेज 11वीं फाइनल के रिजल्ट को और 40 फीसदी वेटेज 12वीं प्री-बोर्ड के रिजल्ट को दिया जाएगा. 12वीं की मार्केशीट तैयार करने की डिटेल देते हुए सीबीआई ने कहा कि 10वीं के 5 विषय में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क को लिया जाएगा, इसी तरह 11वीं के पांचों विषय का एवरेज लिया जाएगा और 12वीं के प्री-बोर्ड एग्जाम और प्रेक्टिकल का नंबर लिया जाएगा. 10वीं के नंबर का 30 परसेंट, 11वीं के नंबर का 30 परसेंट और 12वीं के नंबर के 40 परसेंट के आधार पर नतीजे आएंगे. सीबीएसई ने कहा कि जो बच्चे परीक्षा देना चाहते हैं, उनके लिए बाद में अलग व्यवस्था की जाएगी.

CBSE का अंक देना का फार्मूला

कक्षा 10

- वेटेज 30% होगा. 5 विषयों में से तीन विषयों के थ्योरी पेपर के परफॉर्मेंस के आधार पर मार्क्स मिलेंगे. ये तीन विषय वे होंगे जिनमें स्टूडेंट की परफॉर्मेंस सबसे अच्छी रही होगी. 

क्लास 11  

- इसका वेटेज 30% होगा. फाइनल एग्जाम में सभी विषयों के थ्योरी पेपर की परफॉर्मेंस के आधार पर मार्क्स मिलेंगे.  

क्लास 12

- इसका वेटेज 40% होगा. यूनिट टेस्ट, मिड टर्म और प्री-बोर्ड एग्जाम की परफॉर्मेंस के आधार पर मार्क्स मिलेंगे. 

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कोरोना के कारण रद्द हुईं थी परीक्षा
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले केंद्र, सीबीएसई और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) को 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए परिणाम घोषित करने के मानदंड के बारे में सूचित करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था. CBSE ने अब स्कूल बेस्ड असेसमेंट और प्रैक्टिकल टेस्ट के मोड में बदलाव को लेकर नया सर्कुलर जारी किया है. बोर्ड ने अपने संबद्ध स्कूलों को लंबित आंतरिक या व्यवहारिक परीक्षाओं को ऑनलाइन पूरा करने के लिए कहा है.

कोरोना संक्रमण के खतरों को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई थी. बता दें क‍ि गत 4 जून को सीबीएसई ने असेसमेंट पॉलिसी तय करने के लिए 13 सदस्यीय एक समिति का गठन किया था. समिति को रिपोर्ट तैयार करने के लिए दस दिन का समय दिया गया था. रिजल्ट को लेकर कई तरह के असेसमेंट पर बात हो रही है, इसमें एक तरीका ये भी है कि बोर्ड 10वीं के फाइनल मार्क्स और 12वीं के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर भी रिजल्ट तैयार कर सकता है. इसके अलावा सरकार ने पहले ही ये तय कर दिया था कि अगर छात्र अपने रिजल्ट से खुश नहीं हैं तो कोरोना से बिगड़े हालात सामान्य होने पर इसमें अंक सुधार के लिए आवेदन कर सकेंगे.