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CBSE बोर्ड की 12वीं की परीक्षा के बाद अब ICSE बोर्ड की परीक्षाएं रद की गयीं

देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर आने के बाद से स्थितियां बहुत खराब हो गई हैं. कोविड के चलते केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसी बोर्ड) की परीक्षाएं रद करने के बाद अब इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट ( ICSE) बोर्ड 12वीं क्लास की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई है.

Updated on: 01 Jun 2021, 10:04 PM

highlights

  • CBSE के बाद अब ICSE ने भी रद की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं
  • कोविड महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए लिया गया फैसला
  • थोड़ी देर पहले पीएम ने CBSE की 12वीं की परीक्षा रद करने का ऐलान किया था

नई दिल्ली:

देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर आने के बाद से स्थितियां बहुत खराब हो गई हैं. कोविड के चलते केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसी बोर्ड) की परीक्षाएं रद करने के बाद अब इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट ( ICSE) बोर्ड 12वीं क्लास की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई है. भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद (सीआईएससीई) के अध्यक्ष डॉ जी इम्मानुएल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बताया कि परिणामों को संकलित करने पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है. छात्रों को बता दें कि परीक्षाएं रद्द करने के बाद उनको दिए जाने वाले अंकों के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया के मानदंडों का जल्द फैसला होगा.

हालांकि अगर ICSE बोर्ड का कोई छात्र अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे बाद में परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा. आपको बता दें कि इससे थोड़ी ही  देर पहले ही पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षा (CBSE 12th Exam Latest Updates) को रद्द करने का फैसला लिया गया था. मालूम हो कि CISCE इससे पहले 10वीं की परीक्षा भी रद्द कर चुका है. 10वीं के छात्रों का रिजल्ट इंटरनल असेसमेंट के आधार पर जारी किया जाएगा.

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इससे पहले सीबीएसई बोर्ड के 12वीं क्लास की परीक्षाओं को रद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, कि  सीबीएसई बोर्ड के 12वीं क्लास की परीक्षा रद्द करने का फैसला छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है. पीएम मोदी ने बताया कि कोविड-19 ने शैक्षणिक कैलेंडर को बुरी तरह प्रभावित किया है. बोर्ड परीक्षाओं के मुद्दे की वजह से छात्र उनके माता-पिता और उनके अध्यापकों को काफी तनाव की स्थितियों से गुजरना पड़ा है. इस तनाव का खत्म होना बहुत जरूरी था जिसका जिसका ध्यान रखते हुए ये फैसला लिया गया है. ‘प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक मोदी ने कहा, ‘छात्रों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और इससे किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है.

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इसके पहले 23 मई को भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक हुई थी जिसके बाद सभी राज्यों से 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा के आयोजन को लेकर सुझाव मांगे गए थे. सुप्रीम कोर्ट में भी 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कराने को लेकर याचिका दायर की गई है. 31 मई को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 2 दिन का समय मांगा था.