ईडी ने साइबर धोखाधड़ी में शामिल चिराग तोमर और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्ति की कुर्क

ईडी ने साइबर धोखाधड़ी में शामिल चिराग तोमर और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्ति की कुर्क

ईडी ने साइबर धोखाधड़ी में शामिल चिराग तोमर और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्ति की कुर्क

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IANS
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ईडी ने साइबर धोखाधड़ी में शामिल चिराग तोमर और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्ति की कुर्क

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय मुख्यालय ने एक कुर्की आदेश जारी किया, जिसके तहत चिराग तोमर, उनके परिवार के सदस्यों और संबंधित संस्थाओं की 42.8 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति कुर्क की गई है।

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बताया गया कि कुर्क की गई संपत्तियों में दिल्ली स्थित 18 अचल संपत्तियां और बैंक खातों में जमा राशि शामिल हैं।

ईडी ने एक अखबार में छपी खबर के आधार पर जांच शुरू की कि चिराग तोमर नाम के एक भारतीय नागरिक को क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वेबसाइट कॉइनबेस की नकल करने वाली फर्जी या नकली वेबसाइटों का इस्तेमाल करके 2 करोड़ डॉलर से ज्यादा की चोरी करने के आरोप में अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है।

जांच से पता चला कि चिराग तोमर, जिसे वर्तमान में अमेरिका में हिरासत में लिया गया है, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कॉइनबेस की वेबसाइट की नकल करके और लगभग 2 करोड़ डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी चुराकर बड़े पैमाने पर साइबर धोखाधड़ी में शामिल था।

ईडी की जांच से पता चला कि सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ) के जरिए विश्वसनीय वेबसाइटों को इस तरह से नकली बनाया गया था कि जब वेबसाइट को खोजा जाता, तो नकली वेबसाइट सबसे ऊपर दिखाई देती।

नकली वेबसाइट संपर्क विवरण को छोड़कर बिल्कुल विश्वसनीय वेबसाइट जैसी ही दिखाई देती थी।

जब उपयोगकर्ता लॉगिन क्रेडेंशियल दर्ज करते, तो नकली वेबसाइट उसे गलत दिखाती। इसलिए उपयोगकर्ता नकली वेबसाइट में दिए गए नंबर पर संपर्क करते, जो उन्हें चिराग तोमर के कॉल सेंटर से जोड़ता था।

एक बार जब धोखेबाजों को क्लाइंट के खातों तक पहुंच मिल जाती, तो वे जल्दी से पीड़ित की क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग्स को अपने नियंत्रण वाले क्रिप्टो करेंसी वॉलेट में स्थानांतरित कर देते। फिर चुराई गई क्रिप्टो करेंसी को विभिन्न पी2पी क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर बेचा जाता और रुपये में बदला जाता।

इसके बाद पैसा चिराग तोमर और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया जाता और अचल संपत्तियां खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाता। फिलहाल इस मामले में आगे की जांच जारी है।

--आईएएनएस

एकेएस/डीएससी

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