मोदी के 'रिफॉर्म' पर फिर मेहरबान हुआ विश्व बैंक, कहा-हाई मिडल इनकम वाली इकॉनमी होगा 2047 का भारत
विश्व बैंक ने शनिवार को कहा कि 'गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के साथ अन्य सुधारों के दम पर भारत 2047 तक उच्च मध्य आय वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा।'
highlights
- विश्व बैंक ने एक बार फिर से नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में हुए आर्थिक सुधारों की तारीफ की है
- विश्व बैंक ने कहा कि सुधारों के दम पर भारत 2047 तक उच्च मध्य आय वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा
नई दिल्ली:
'ईज ऑफ डूइंग' बिजनेस रिपोर्ट में एक साल के भीतर अप्रत्याशित 30 अंकों की उछाल के बाद विश्व बैंक ने एक बार फिर से नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में हुए आर्थिक सुधारों पर भरोसा जताते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी उम्मीद जताई है।
विश्व बैंक ने शनिवार को कहा कि 'गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के साथ अन्य सुधारों के दम पर भारत 2047 तक उच्च मध्य आय वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा।'
उन्होंने कहा, 'मझे इस बात में कोई शक नहीं है कि भारत जब अगली शताब्दी में प्रवेश करेगा, आजादी की शताब्दी साल में, तब भारत के अधिकांश लोग ग्लोबल मिडल क्लास का हिस्सा होंगे। भारत एक हाई मिडल इनकम वाली अर्थव्यवस्था होगा।'
रिपोर्ट में इसके लिए पिछले तीन दशक के दौरान भारत की प्रति व्यक्ति आय में हुए चार गुणा इजाफे को श्रेय दिया गया है।
वहीं 'ईज ऑफ डूइंग' की रिपोर्ट में भारत के टॉप 100 में शामिल होने को लेकर विश्व बैंक के सीईओ क्रिस्टालिना जार्जिवा ने कहा कि इस तरह किसी देश की रैंकिंग में उछाल पिछले 15 साल से चल रही इस सर्वे में बेहद 'दुर्लभ' है।
और पढ़ें: 'ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस' में भारत का 100वां स्थान, पीएम ने जताई खुशी
उन्होंने कहा, 'यह इस लिहाज से दुर्लभ है क्योंकि भारत बहुत विशाल है। मैं समझता हूं कि एक क्रिकेट प्रेमी देश में शतक लगाना कितना अहम है।'
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते आई विश्व बैंक की रिपोर्ट में भारत कारोबारी सुगमता के मामले में टॉप 100 में जगह बनाने में सफल रहा है। इसके लिए पिछले कई सालों से चल रहे आर्थिक सुधारों को जिम्मेदार बताया गया है। 2016 में इस रिपोर्ट में भारत की रैकिंग 130 थी।
सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए विश्व बैंक के सीईओ ने कहा कि जीएसटी ने भारत के बाजार को एकीकृत कर बड़ा मौका सामने रखा है।
उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 2013-14 में भारत में विदेशी निवेश 36 अरब डॉलर था जो अब बढ़कर 60 अरब डॉलर हो चुका है।
उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि जल्द की गरीबी भारत में इतिहास बन जाएगी। इसके लिए लक्ष्य 2026 रखा गया है। मैं समझती हूं कि प्रधानमंत्री इसे कम कर 2022 तक ले आएंगे। उनके ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए मुझे इसमें कोई शक नहीं है।'
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