हाईवे पर शराबबंदी से घटेगा रोजगार, राज्यों और होटल इंडस्ट्री के राजस्व में 65 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान संभव
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय हाइवे पर शराबबंदी के आदेश से राज्यों और होटल इंडस्ट्री को लग सकता है तगड़ा झटका।
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय हाइवे पर लिकर बैन से राज्यों और होटल इंडस्ट्री को लग सकता है तगड़ा झटका। नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक हाइवे पर शराब बंदी के इस आदेश से राज्यों को 50 हज़ार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो सकता है।
वहीं शराबबंदी के इस आदेश का असर रेस्तरां और पब्स की कमाई पर भी होगा और इनको करीब 10-15 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। अंग्रेजी अख़बार इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानि NRAI के निदेशक रियाज अमलानी ने इस बात का खुलासा किया है।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि इस आदेश से इंडस्ट्री से जुड़े करीब 1 लाख लोगों का रोजगार भी मुश्किल में आ सकता है। इतना ही नहीं इस आदेश के बाद पुराना स्टॉक ठिकाना लगाना भी बड़ी समस्या होगी।
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रियाज अमलानी के मुताबिक, 'राज्यों को 50,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू लॉस होने की आशंका है। वहीं, एक लाख से अधिक लोगों का रोजगार छिन जाएगा। ये शुरुआती अनुमान हैं और हम इसके असर का सटीक अंदाजा लगाने की कोशिश कर रहे हैं।'
बता दें कि एनआरएआई देश भर में रेस्तरां और पब्स का प्रतिनिधित्व करने वाला संगठन है।
इसके अलावा नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी ट्विटर के ज़रिए ट्वीट कर कहा है कि,'टूरिज़्म रोजगार पैदा करता है इसे क्यों ख़त्म किया जाए। सुप्रीम कोर्ट का हाईवे पर शराबबंदी का आदेश 10 लाख लोगों की रोजी रोटी छीन सकता है।
Tourism creates jobs.Why kill it? Supreme Court’s highway liquor ban verdict may hit 1 milln jobs https://t.co/oV6c84YEzU via @economictimes
— Amitabh Kant (@amitabhk87) April 2, 2017
गौरतलब है कि 1 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल और स्टेट हाइवेज़ पर 500 मीटर के दायरे में आने वाली शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया था।
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सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश में होटल और रेस्तरां भी शामिल हैं। शराब पीने के चलते सड़क हादसों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला किया था। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि इससे ऐसे हादसों में कमी आएगी। दरअसल, भारत में सड़क हादसों में दुनिया में सबसे अधिक जानें जाती हैं।
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