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विलय के बाद SBI बना महाविशाल, ग्राहकों की संख्या 50 करोड़ हुई, दुनिया के टॉप 50 शीर्ष बैंकों में हुआ शुमार

सोमवार 3 अप्रैल को देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई में पांच सहयोगी बैंकों के विलय के बाद खुला और बैंक ने सामान्य रुप से कामकाज शुरु कर दिया है। इसके बाद एसबीआई के कुल ग्राहकों की संख्या 50 करोड़ हो गई है।

Updated on: 03 Apr 2017, 06:59 PM

नई दिल्ली:

सोमवार 3 अप्रैल को देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई में पांच सहयोगी बैंकों के विलय के बाद खुला और बैंक ने सामान्य रुप से कामकाज शुरु कर दिया है। इसके बाद एसबीआई के कुल ग्राहकों की संख्या 50 करोड़ हो गई है। एसबीआई की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने इस बात की जानकारी दी है।

जिन सहयोगी बैंकों का एसबीआई में विलय किया गया है, उनमें स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर शामिल हैं। एसबीआई में महिला बैंक का भी विलय किया गया है।

एसबीआई अध्यक्ष ने बताया है कि, 'एसबीआई आज (सोमवार) से एक बैंक के रूप में खुल गया। इसका कामकाज विलय से पहले की तरह ही सामान्य रहेगा। अब नए उत्पाद और सेवाएं अधिक निर्बाध तरीके से ग्राहकों के लिए पेश हो पाएंगे।'

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इसके साथ ही एसबीआई और सहयोगी बैंकों के कोषों को भी पूरी तरह से मिला दिया गया है और अब इन्होंने एकल इकाई की तरह कामकाज करना शुरू कर दिया है। विलय के साथ ही अब एसबीआई परिसंपत्तियों के लिहाज से दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शुमार हो गया है।

बैंक के कुल एसेट्स का मूल्य 37,00,000 करोड़ रुपये हो गया है। बैंक का जमा आधार 26,00,000 करोड़ रुपये है और एडवांस लगभग 18,50,000 करोड़ रुपये है। बैंक की करीब 22,500 शाखाएं हैं, जिनमें से अकेले एसबीआई की 20,000 शाखाएं हैं। इसके अलावा बैंक के 58,000 एटीएम हैं। वहीं, दुनिया के 36 देशों में एसबीआई की 191 विदेशी कार्यालय हैं।

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विलय के बाद अब बैंक पूर्ण डेटा एकीकरण से पहले विभिन्न ऑडिट कर सकेगा। ऑडिट को 24 अप्रैल से पहले पूरा किया जा सकता है।

भट्टाचार्य ने बताया कि एसबीआई ने सहयोगी बैंकों की गैर निष्पादन संपत्तियों में 8,600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया है। भट्टाचार्य ने बताया कि सहयोगी बैंकों के शेयरों की अदला-बदली भी पूरी हो चुकी है और इन्हें शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया जा चुका है।

इन पांच सहयोगी बैंकों में से स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद सूचीबद्ध इकाइयां नहीं हैं।

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