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देश में नहीं खुलेगा इस्लामिक बैंक, रिजर्व बैंक ने खारिज किया प्रस्ताव

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश में इस्लामिक बैंक खोले जाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

Updated on: 12 Nov 2017, 05:01 PM

highlights

  • भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश में इस्लामिक बैंक खोले जाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है
  • इस्लामिक बैंक या शरिया बैंक इस्लाम के सिद्धांत के आधार पर होता है, जिसमें ब्याज नहीं वसूला जाता है

नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश में इस्लामिक बैंक खोले जाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए आरबीआई ने कहा कि सभी नागरिकों के बैंकिंग और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच को ध्यान में रखते हुए इस्लामिक बैंक के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

इस्लामिक बैंक या शरिया बैंक इस्लाम के सिद्धांत के आधार पर काम करता है, जिसमें ब्याज नहीं वसूला जाता है।

इससे पहले रिज़र्व बैंक ने आरटीआई कानून की धारा 8 (1)(सी) का हवाला देते हुए इस बारे में जानकारी देने से मना कर दिया था।  

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जवाब में कहा गया है कि सरकार और आऱबीआई दोनों ने इस्लामिक बैंक के प्रस्ताव की समीक्षा की।

आरटीआई के जवाब में कहा गया है, 'देश के सभी नागरिकों को उपलब्ध बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता के आधार पर इस्लामिक बैंक के प्रस्ताव को खारिज करने का फैसला लिया गया है।'

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री 28 अगस्त को जन-धन योजना का ऐलान किया था। जन-धन योजना का ऐलान देश के सभी नागरिकों को बैंकिंग सेवाओं के दायरे में लाने के लिए किया था।

2008 में पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की अध्यक्षता में गठित 'कमेटी ऑन फाइनैंशियल रिफॉर्म्स' ने देश में ब्याज मुक्त बैंक के प्रस्ताव की गंभीरता से अध्यय करने की सलाह दी थी।

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