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रेमंड के बादशाह विजयपत सिंघानिया है पैसों के मोहताज, बॉम्बे HC में बेटे के खिलाफ याचिका

कपड़े की दुनिया के बड़े कारोबारी विजयपत सिंघानिया ने बेटे के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील कर बताया है कि वो पैसों लिए बेटे के मोहताज हैं।

Updated on: 10 Aug 2017, 01:26 PM

नई दिल्ली:

कपड़े की दुनिया के बड़े कारोबारी विजयपत सिंघानिया ने बेटे के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील कर बताया है कि वो पैसों लिए बेटे के मोहताज हैं।देश के अमीर परिवारों की लिस्ट में शुमार सिंघानिया परिवार के मुखिया ने यह आरोप अपने ही बेटे गौतम सिंघानिया पर लगाया है, और बॉम्बे हाईकोर्ट में गुहार लगाई है।

गौरतलब है कि रेमंड कारोबार करीब तीन हजार करोड़ रुपए का है। सिंघानिया परिवार के इस कारोबार के मुखिया विजयपत सिंघानिया ने वकील के जरिये आरोप लगाया है कि उनका बेटा गौतम रेमंड लिमिटेड को अपनी निजी संपत्ति की तरह चला रहा है।

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अपने बेटे के खिलाफ विजयपत सिंघानिया ने पिछले दिनों बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर मालाबार हिल स्थित 36 मंजिला जेके हाउस के डुप्लेक्स का कब्जा मांगा है।

उन्होंने कोर्ट को बताया है कि वो बेहद बुरी हालत में है और पैसों की तंगी का सामना कर रहे हैं। उनके वकील ने बॉम्बे हाई कोर्ट में को बताया है कि सिंघानिया ने सारी संपत्ति अपने बेटे के नाम कर दी है। अपनी कंपनी में सिंघानिया ने अपने सारे शेयर बेटे को दे दिए थे। जिनकी कीमत करीब 1000 करोड़ रुपये थी। लेकिन अब उनके बेटे गौतम ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है और वो पाई-पाई के लिए मोहताज हो गए हैं।

क्या है मामला

# 1960 में बना जेके हाउस 14 मंजिला इमारत है जिसमें 4 डुप्लेक्स 2007 में रेमंड की इकाई पशमिना होल्डिंग्स को दी गई थी। 

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# कंपनी ने इनका पुर्ननिर्माण करवाया। विजयपत सिंघानिया और गौतम के बीच हुए समझौते के मुताबिक, वीणादेवी (विजयपत के भाई अजयपत की विधवा), वीणा के बेटों अनंत और अक्षयपत को 5185 वर्गफीट के डुप्लेक्स दिए जाने थे।

# इसके लिए पहले ही वीणादेवी और अनंत ने अपार्टमेंट में अपने हिस्से के लिए कोर्ट में ज्वाइंट याचिका दायर की हुई है। जबकि अक्षयपत ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक अलग याचिका दायर की है।

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