देश में बढ़ती बेरोजगारी के दावे में सच्चाई नहीं, बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा आंकड़ा: नीति आयोग वाइस चेयरमैन
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि पिछले 42 महीनों के दौरान मोदी सरकार के किए गए सुधार उपायों के एकीकरण का समय आ गया है ताकि इन उपायों का 'लाभ' उठाया जा सके।
highlights
- नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने कहा, देश में बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है बेरोजगारी का दावा
- राजीव कुमार ने कहा कि अब देश में पिछले 42 महीनों के दौरान किए गए सुधारों के एकीकरण का समय आ गया है
नई दिल्ली:
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि पिछले 42 महीनों के दौरान मोदी सरकार के किए गए सुधार उपायों के एकीकरण का समय आ गया है ताकि इन उपायों का 'लाभ' उठाया जा सके।
कुमार ने कहा कि पिछले 42 महीनों के दौरान सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी), बैंकरप्सी कोड और बेनामी कानून जैसे कई अहम सुधार किए हैं और अब अगले 18 महीने में सरकार का ध्यान स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर होगा, जो मानव संसाधन विकास के लिहाज से बेहद अहम हैं।
न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के साथ इंटरव्यू में कुमार ने कहा, 'आप जानते हैं कि मोदी सरकार ने पिछले 42 महीने के दौरान काफी कुछ किया है। मेरा मानना है कि अब इन सुधारों को एकीकृत कर इसका फायदा उठाने की है।'
मई 2014 में मोदी सरकार सत्ता में आई थी और अगला आम चुनाव 2019 में होना है। उन्होंने कहा, 'अब हमें इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित करना है। वहीं सामाजिक क्षेत्र में स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर कदम उठाए जाने की जरूरत है।'
रोजगार के क्षेत्र में पर्याप्त कदम नहीं उठाए जाने की आलोचना का जवाब देते हुए कुमार ने कहा कि ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां रोजगार के असीमित मौके पैदा हुए हैं, हालांकि यह संगठित क्षेत्र में उम्मीदों के मुताबिक नहीं हो सका है।
कुमार ने कहा, 'ईपीएफओ खाताधारकों की संख्या में इजाफा हुआ है। नैशनल पेंशन सिस्टम में भी इजाफा हुआ है। सेवा क्षेत्र खासकर पर्यटन, नागरिक उड्डयन और ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में रोजगार के मौकों में व्यापक बढ़ोतरी हुई है।'
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उन्होंने कहा, 'मैं आपको बता सकता हूं कि रोजगार को लेकर जो कुछ भी कहा जा रहा है, वह बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा दावा है।'
अगले साल फरवरी में पेश किए जाने वाले बजट में लोकलुभावन नीतियों की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'यह सरकार लोकलुभावन नीतियों में भरोसा नहीं रखती है। मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ होने जा रहा है। मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्देश बेहद साफ है, जो देश के लिए अच्छा है, वहीं किया जाए।'
देश के आर्थिक हालात को लेकर कुमार ने कहा कि मूडीज की रेटिंग साफ तौर पर देश की अर्थव्यवस्था में होने वाले सुधार पर लगाई गई मुहर है।
उन्होंने कहा, "थोड़ी बहुत चिंता निर्यात क्षेत्र को लेककर है, जिसमें उम्मीद के मुताबिक इजाफा नहीं हो रहा है।'
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