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ट्रंप की धमकी का असर, ए1बी वीज़ा पर सख्ती के बाद इंफोसिस का एक्शन प्लान, 10,000 अमेरिकी नागरिकों को देगी नौकरी

आईटी कंपनी इंफोसिस ने सोमवार को कहा है कि कंपनी अगले 2 साल में करीब 10,000 अमेरिकी कर्मचारियों की भर्ती करेगी। इंफोसिस के सीईओ विशाल सिक्का ने इस बात की जानकारी दी है।

Updated on: 02 May 2017, 04:20 PM

highlights

  • ट्रंप की धमकी का असर, इंफोसिस देगी 10 हज़ार अमेरिकी कर्मचारियों को नौकरी
  • अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारतीय आईटी कंपनियों को निशाना बनाते रहे हैं

 

नई दिल्ली:

आईटी कंपनी इंफोसिस ने सोमवार को कहा है कि कंपनी अगले 2 साल में करीब 10,000 अमेरिकी कर्मचारियों की भर्ती करेगी। इंफोसिस के सीईओ विशाल सिक्का ने इस बात की जानकारी दी है। इंफोसिस भारत की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी है।

अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारतीय आईटी कंपनियों को निशाना बनाते रहे हैं। ट्रंप भारतीय आईटी कंपनियों को बाय अमेरिकन और हायर अमेरिकन की नीति का पालन किए जाने की चेतावनी देते रहे हैं। 

इंफोसिस ने बताया कि कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे सेक्टर में अमेरिकी नागरिकों को नौकरी देने की तैयारी में है। कंपनी पहले ही 2 हज़ार अमेरिकी लोगों को नौकरी दे चुकी है।

सिक्का ने कहा, 'अगर आप अमेरिकी नज़रिए से देखें तो बेशक अमेरिकी लोगों के लिए ज़्यादा रोजगार और नौकरियों के मौके पैदा करना एक अच्छी बात है।' इसी के साथ ही अमेरिका में कंपनी 4 टेक्नोलॉजी सेंटर भी खोलेगी। इनमें से एक टेक्नोलॉजी सेंटर उप-राष्ट्रपति माइक पेंस के गृह राज्य इंडियाना के अगस्ता में खोला जाएगा। 

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कंपनी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी सरकार ने एच1बी वीज़ा नियमों में बदलाव किए हैं। वहीं अमेरिकी सरकार की संरक्षणवादी नीति के चलते विप्रो, टीसीएस और इंफोसिस जैसी कंपनियां स्थानीय लोगों के रोजगार पर चोट करने के आरोपों के चलते राजनीति का शिकार बनी है।

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