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80 करोड़ रुपये में प्यूजियो की हुई एंबेसडर, हिंदुस्तान मोटर्स का पॉपुलर ब्रांड रहा है एंबेसडर

फ्रांस की प्यूजियो की हुई एंबेसडर। सीके बिड़ला ग्रुप की हिंदुस्तान मोटर्स ने 80 करोड़ रुपये में किया करार।

Updated on: 11 Feb 2017, 12:47 PM

नई दिल्ली:

दशकों तक हिंदुस्तानियों के दिलों पर राज करने वाली जानी मानी एंबेसडर कार बनाने वाली हिंदुस्तान मोटर्स ने इस ब्रैंड को फ्रांस की कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनी प्यूजियो को बेच दिया है। सीके बिड़ला ग्रुप की फर्म हिंदुस्तान मोटर्स ने यह करार 80 करोड़ रुपये में किया है।

हिंदुस्तान मोटर्स ने बताया, 'कंपनी ने प्यूजियो एसए के साथ एंबेसडर ब्रैंड के लिए ट्रेडमार्क समेत 80 करोड़ रुपये में करार किया है।' दशकों तक भारत की पहचान बनी एंबेसडर कार की कम होती लोकप्रियता के बीच इसकी मांग घटने लगी और एंबेसडकर कार के उत्पादन में भारी कमी आई।

पिछले महीने प्यूजियो ग्रुप ने सीके बिड़ला ग्रुप के साथ तमिलनाडु में भारतीय कार बाज़ार में दुबारा एंट्री करने के लिए करीब 700 करोड़ रुपये की शुरुआती लागत से प्लांट लगाने के सिलसिले में साझेदारी के लिए करार किया था। इस करार के तहत दो बड़े ग्रुप के बीच ज्वाइंट वेंचर के लिए दो करार किए गए है।

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गौरतलब है कि 3 साल पहले 2014 में कंपनी ने एंबेसडर कार का उत्पादन बंद कर दिया था। करीब 7 दशक पहले भारत में एंबेसडर कार को लॉन्च किया गया था। तब हिंदुस्तान मोटर्स ने मॉरिस ऑक्सफर्ड सीरीज II (लैंडमास्टर) को नए अवतार में पेश किया था।

इसके बाद एंबेसडर कार मारूति के आने से पहले तक भारत की सबसे पसंदीदा कार थी। 1980 के दशक में सालाना 24,000 एंबेसडर कार बिकती थीं, लेकिन साल 2013-14 में यह संख्या घटकर कुल 2,500 ही रह गई थी। वहीं पूजो की भी भारतीय कार बाज़ार में हिस्सेदारी घटी और फिलहाल यह कंपनी मित्सुबिशी के लिए सालाना 12,000 यूनिट ही बना पा रही है।

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