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सरकारी बैंकों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये मंजूर, NPA के लिए जेटली ने इशारों में साधा UPA पर निशाना

देश की आर्थिक वृद्धि को मजबूत करने और रोजगार के मौके पैदा करने के लिए केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 2,11,000 करोड़ रुपये की पूंजी मुहैया कराएगी।

Updated on: 24 Oct 2017, 11:41 PM

highlights

  • केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 2,11,000 करोड़ रुपये की पूंजी मुहैया कराएगी
  • वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दे दी है

नई दिल्ली:

देश की आर्थिक वृद्धि को मजबूत करने और रोजगार के मौके पैदा करने के लिए केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 2,11,000 करोड़ रुपये की पूंजी मुहैया कराएगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए अगले दो सालों के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दे दी है।' उन्होंने कहा कि इसमें से 76,000 करोड़ रुपये बजटीय सहायता के तौर पर दी जाएगी।

जेटली ने बैंकिंग सुधार के नहीं होने और एनपीए के लिए पिछली सरकारों पर इशारों पर हमला भी किया।

आने वाले दिनों में अन्य बैंकिंग सुधारों की संभावनाओं की घोषणा करते हुए कहा कि इससे पहले एनपीए के आंकड़ों को छिपा कर रखा जाता था।

उन्होंने कहा, 'हम यह मानते हैं कि सरकारी बैंक बिना भेदभाव के कर्ज देते हैं। लेकिन 2008-2014 के बीच बैंकों ने जो कर्ज दिया उसका एक बड़ा हिस्सा अब एनपीए है। एनपीए को हमेशा से छिपाकर रखा जाता था।'

लेकिन एसेट क्वालिटी रिव्यू के बाद ही सरकार को बैंकों की सही स्थिति का पता लग पाया। अभी बैंकिंग सेक्टर की हालत बहुत खराब है और उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 39 लिस्टेड बैंकों के पास 8.35 लाख करोड़ रुपये का एनपीए है।

जेटली ने कहा बैंकों को पूंजी दिए जाने से उनकी कर्ज देने की क्षमता में इजाफा होगा और एमएसएमई सेक्टर को प्राथमिकता दी जाएगी।

वहीं अर्थव्यवस्था की खराब आर्थिक हालत को लेकर चौतरफा आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्र सरकार ने इंफ्रा सेक्टर में खर्च बढ़ाने और रोजगार के मौके पैदा करने के लिए मेगा इंफ्रा प्रोजेक्ट का ऐलान किया है, जिसे भारतमाला प्रोजेक्ट के पहले चरण के तहत पूरा किया जाएगा।

भारतमाला प्रोजेक्ट के पहले चरण के तहत सरकार 34,800 किलोमीटर सड़क का निर्माण करेगी, जिसमें 5,35,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

वहीं हिस्टोरिक रोड बिल्डिंग प्रोग्राम के मुताबिक, 'अगले 5 वर्षों में 6 लाख 92 करोड़ रुपये की लागत से करीब 83,000 किलोमीटर हाईवे का निर्माण किया जाएगा, जिससे 14 करोड़ दिनों तक रोजगार के मौके मिलेंगे।'

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