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नोटबंदी के बाद आयकर विभाग की नजर अब ITR बदलने वालों पर, 30,000 से ज्यादा मामलों की हो रही है जांच

सुशील चंद्रा के मुताबिक 8 नवंबर को हुए नोटबंदी के बाद से दाखिल आईटीआर की तुलना जब पहले के रिकॉर्ड्स के साथ हुई तब ये सभी मामले सामने आए।

Updated on: 25 Jul 2017, 09:29 AM

नई दिल्ली:

आयकर विभाग अब नोटबंदी के बाद उन 30,000 से अधिक मामलों की जांच करने पर जुटा है जिन्होंने आईटीआर में बदलाव किए। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने सोमवार को यह जानकारी दी।

सुशील चंद्रा के मुताबिक 8 नवंबर को हुए नोटबंदी के बाद से दाखिल आईटीआर की तुलना जब पहले के रिकॉर्ड्स के साथ हुई तब ये सभी मामले सामने आए। एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे चंद्रा ने पत्रकारों से कहा, 'हम इन मामलों पर जल्द एक्शन लेने जा रहे हैं।'

चंद्रा के मुताबिक 'ऑपरेशन क्लीन मनी' के पहले चरण के बाद यह मालूम हुआ कि कुछ लोगों ने अपने सभी बैंक खातों की जानकारी आयकर अधिकारियों को नहीं दी।'

अब ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत विभाग उन लोगों से संपर्क कर रहा है जिनके बैंक खातों में नोटबंदी के बाद संदिग्ध रूप से नकदी जमा कराई गई।

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सुशील चंद्रा के मुताबिक, 'हमें मालूम चला है कि अधिकारियों को ज्यादा खाते मिले हैं। जबकि, उन्होंने जवाब में कम खातों की बात कही है। हमने ईमेल के जरिए उन्हें सूचित किया है और उनसे प्रतिक्रिया मांगी है।'

चंद्रा ने बताया कि भारत में एंट्री रेट टैक्स 5 प्रतिशत है जो पूरी दुनिया में सबसे कम रेट्स में से एक है। साथ ही चंद्रा ने हाल ही में लागू किए गए बेनामी लेनदेन (निषेध) कानून पर बात करते हुए बताया कि 233 मामलों में 840 करोड़ रुपये मूल्य के अटैचमेंट किए जा चुके हैं।

चंद्रा ने कहा कि कई शेल कंपनियों के बारे में भी पता चला है जिनके पास बेनामी संपत्ति है। इनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

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