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ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक के लग्जरी अपार्टमेंट के आवंटन पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, नहीं ली थी ज़रूरी मंज़ूरी

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुपरटेक जार सुइट्स अपार्टमेंट्स के 1,000 फ्लैट के आवंटन पर रोक लगा दी है। अपार्टमेंट के निर्माण के दौरान जरूरी मंजूरी नहीं लिए जाने की वजह से हाई कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा में बने कंपनी के फ्लैट्स के आवंटन पर रोक लगाई है।

Updated on: 12 Jan 2017, 07:34 AM

highlights

  • इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुपरटेक जार सुइट्स अपार्टमेंट्स के 1,000 फ्लैट के आवंटन पर रोक लगा दी है
  • निर्माण के दौरान जरूरी मंजूरी नहीं लिए जाने की वजह से हाई कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा में बने कंपनी के फ्लैट्स के आवंटन पर रोक लगाई है

New Delhi:

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुपरटेक जार सुइट्स अपार्टमेंट्स के 1,000 फ्लैट के आवंटन पर रोक लगा दी है। अपार्टमेंट के निर्माण के दौरान जरूरी मंजूरी नहीं लिए जाने की वजह से हाई कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा में बने कंपनी के फ्लैट्स के आवंटन पर रोक लगाई है।

चीफ जस्टिस डी बी भोंसले और जस्टिस यशवंत वर्मा ने याचिकाकर्ता वी के शर्मा की तरफ से दायर की गई याचिका पर यह फैसला सुनाया। वी के शर्मा समेत 8 अन्य लोगों ने इस मामले में याचिका दायर की थी जिन्होंने इस अपार्टमेंट में फ्लैट ले रखा है।

कंपनी ने ग्रेटर नोएडा 1 के ओमनीकॉन में इस प्रोजेक्ट को 2007 में शुरू किया था और कंपनी को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से 844 फ्लैट बनाने की मंजूरी मिली थी। हालांकि याचिकाकर्ता के मुताबिक कंपनी ने कुल 1904 फ्लैट का निर्माण किया और बाद में ''अवैध'' निर्माण को वैध बनाने के लिए फिर से संशोधन के साथ मंजूरी मांगी।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 फरवरी की तारीख मुकर्रर की है। अदालत ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को इस दौरान काम पूरा किए जाने का सर्टिफिकेट नहीं दिए जाने का आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने अथॉरिटी को कंपनी के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई किए जाने का आदेश दिया है।