ग्वालियर, 10 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अपने दायित्वों का निर्वहन निष्पक्षता से नहीं कर रहा, जिसके चलते आगामी बिहार विधानसभा चुनाव सहित अन्य राज्यों के चुनाव संदेह के घेरे में हैं।
दिग्विजय सिंह ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बेंगलुरु की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर एक लाख से अधिक फर्जी मतदाताओं के घोटाले का हवाला देते हुए कहा कि इस घटना ने आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दिग्विजय सिंह ने बिहार में हुए एसआईआर पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के तहत एक झटके में 65 लाख वोटरों को मतदाता सूची से हटा दिया गया, जो संदेहास्पद है। फर्जी वोटरों का मुद्दा केवल बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिल रहा है।
उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग को अपनी पारदर्शिता और विश्वसनीयता साबित करनी होगी। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से भी इस मामले में स्पष्ट जवाब देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल को फर्जी वोटरों के मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। यदि इस तरह की गड़बड़ियों की अनदेखी की गई तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा साबित हो सकता है।
उन्होंने मध्य प्रदेश के 2018 के विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए बताया कि उस दौरान मतदाता सूची के पुनरीक्षण में 50 लाख फर्जी वोटरों का पता चला था। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की नींव हैं और इसके लिए चुनाव आयोग को आम जनता का भरोसा जीतना होगा। यदि मतदाता सूची में इस तरह की गड़बड़ियां सामने आती रहेंगी तो लोगों का लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर विश्वास डगमगा सकता है। चुनाव आयोग को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाना चाहिए और ऐसी प्रक्रियाएं अपनानी चाहिए, जो पारदर्शी हों और जनता के सामने स्पष्ट हों।
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