ध्रुव एनजी की पहली उड़ान ऐतिहासिक, डीजीसीए सर्टिफिकेशन की राह आसान: राम मोहन नायडू

ध्रुव एनजी की पहली उड़ान ऐतिहासिक, डीजीसीए सर्टिफिकेशन की राह आसान: राम मोहन नायडू

ध्रुव एनजी की पहली उड़ान ऐतिहासिक, डीजीसीए सर्टिफिकेशन की राह आसान: राम मोहन नायडू

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IANS
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ध्रुव एनजी की पहली उड़ान ऐतिहासिक, डीजीसीए सर्टिफिकेशन की राह आसान: राम मोहन नायडू

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

बेंगलुरु, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। ध्रुव हेलिकॉप्टर में आई तकनीकी खामी और उससे जुड़ी डीजीसीए की रिपोर्ट को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह अवसर देश के रक्षा और नागरिक उड्डयन दोनों क्षेत्रों के लिए ऐतिहासिक और बेहद महत्वपूर्ण है।

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केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित ध्रुव एनजी हेलिकॉप्टर का पहला सफल उड़ान परीक्षण एक बड़ी उपलब्धि है। सरकार इसे नागरिक उड्डयन के लिए प्रमाणन देने की दिशा में आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने बताया कि ध्रुव हेलिकॉप्टर में इस्तेमाल होने वाले शक्ति इंजन को पहले ही डीजीसीए द्वारा टाइप सर्टिफिकेशन मिल चुका है, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक कदम है।

राम मोहन नायडू ने कहा कि एचएएल के जरिए रक्षा क्षेत्र में जो नवाचार और निर्माण क्षमता विकसित हुई है, उसका लाभ अब नागरिक उड्डयन को भी मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार का लक्ष्य यही है कि रक्षा क्षेत्र के मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को नागरिक उड्डयन से जोड़ा जाए।

उन्होंने बताया कि ध्रुव एनजी एक हल्का, आधुनिक और बहुउपयोगी हेलिकॉप्टर है, जिसे अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से तैयार किया जा सकता है। यह हेलिकॉप्टर ऑफशोर ऑपरेशंस, मेडिकल एंबुलेंस, पर्यटन, वीआईपी मूवमेंट और दूरदराज के इलाकों में नियमित यात्रा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें कई तरह की संभावनाएं हैं, जो पूरी तरह देश में ही विकसित की गई हैं।

मंत्री ने कहा कि भारत में फिलहाल करीब 300 हेलिकॉप्टर ही हैं, जबकि वास्तविक जरूरत 1,000 से 1,500 हेलीकॉप्टरों की है। ऐसे में भारत को केवल विदेशी कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। हमें आत्मनिर्भर भारत के विजन के तहत नागरिक उड्डयन क्षेत्र में स्वदेशी हेलिकॉप्टरों को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है।

उन्होंने बताया कि डीजीसीए लगातार एचएएल को तकनीकी सहयोग दे रहा है और एचएएल ने भी रक्षा क्षेत्र से आगे बढ़ते हुए नागरिक उड्डयन की जरूरतों के हिसाब से अपनी सोच और डिजाइन में बदलाव किया है। ध्रुव एनजी एक ग्लास कॉकपिट हेलिकॉप्टर है, जो ऊंचाई वाले इलाकों में भी उड़ान भरने में सक्षम है।

ध्रुव हेलिकॉप्टर में पहले आई खामियों पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि एचएएल ने पिछले सभी अनुभवों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों जैसे ईएएसए और एफएए की प्रतिक्रियाओं को गंभीरता से लिया है। नागरिक उड़ानों के लिए जरूरी इमरजेंसी एग्जिट विंडो जैसी अहम सुरक्षा सुविधाएं भी अब इसमें शामिल की गई हैं।

उन्होंने भरोसा जताया कि नागरिक उड्डयन के लिए डीजीसीए का सर्टिफिकेशन अब एक सहज प्रक्रिया होगी, क्योंकि सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं पर काम किया जा चुका है। मंत्री ने यह भी बताया कि डीजीसीए की रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी गई है, जिसकी समीक्षा की जा रही है। आगे डीजीसीए से अतिरिक्त टिप्पणियां लेकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रक्षा और नागरिक उड्डयन के बीच यह सहयोग आने वाले समय में देश के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा।

--आईएएनएस

वीकेयू/डीकेपी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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