धोनी को लीजेंड बनाने वाला हेलीकॉप्टर शॉट, उसके जनक संतोष लाल की यादें आज भी रांची की गलियों में जिंदा

धोनी को लीजेंड बनाने वाला हेलीकॉप्टर शॉट, उसके जनक संतोष लाल की यादें आज भी रांची की गलियों में जिंदा

धोनी को लीजेंड बनाने वाला हेलीकॉप्टर शॉट, उसके जनक संतोष लाल की यादें आज भी रांची की गलियों में जिंदा

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IANS
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धोनी को लीजेंड बनाने वाला हेलीकॉप्टर शॉट, उसके जनक संतोष लाल की यादें आज भी रांची की गलियों में जिंदा

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

रांची, 17 जुलाई (आईएएनएस)। रांची की गलियों में एक वक्त क्रिकेट के शोर में एक आवाज गूंजती थी, “बंटी फिर हेलीकॉप्टर उड़ा देगा!” वही बंटी... वही संतोष लाल, जिसने अपने दोस्त महेंद्र सिंह धोनी को वह हेलीकॉप्टर शॉट सिखाया, जो इंटरनेशनल क्रिकेट के पिच पर उनका सिग्नेचर स्टाइल बन गया।

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आज संतोष लाल दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी 12वीं पुण्यतिथि पर रांची की मिट्टी में उनकी कहानी अब भी सांस लेती है। संतोष लाल, जिन्हें दोस्त प्यार से ‘बंटी’ कहते थे, उनका निधन 17 जुलाई 2013 को महज 29 साल की उम्र में हो गया था, लेकिन इस छोटे से जीवन में उन्होंने जो क्रिकेट को दिया, वह ‘अमर’ हो गया।

धोनी की बायोपिक ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ में भी यह दिखाया गया है कि कैसे संतोष ने धोनी को हेलीकॉप्टर शॉट सिखाया था। इस शॉट को सिखाने के एवज में बंटी ने धोनी से जो फीस ली थी, वह था समोसा। उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि यह शॉट एक दिन क्रिकेट की दुनिया में धोनी की पहचान बन जाएगा।

धोनी ने कई इंटरव्यू में भी संतोष का जिक्र करते हुए कहा है कि अगर बंटी नहीं होते, तो हेलीकॉप्टर शॉट उनके खेल का हिस्सा नहीं बन पाता।

यह शॉट बंटी की वह विरासत है, जो हर बार धोनी के बल्ले से निकलकर जब आसमान में उड़ान भरती है, तब संतोष लाल का अपने दोस्त के लिए देखा गया सपना भी उसके साथ नजर आता है।

संतोष लाल ने झारखंड के लिए आठ फर्स्ट क्लास, 16 लिस्ट ए और छह टी-20 मैच खेले। एक मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज और मध्यम गति के गेंदबाज के रूप में उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई। मार्च 2010 में इंदौर के खिलाफ उन्होंने अपना आखिरी मुकाबला खेला था। इसके बाद बीमारी ने उनकी बल्लेबाजी की चमक को बुझा दिया, लेकिन उनकी यादें क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में अब भी जीवित हैं।

धोनी और संतोष लाल के शुरुआती कोच रहे चंचल भट्टाचार्य ने आईएएनएस को बताया कि उन दिनों रांची के क्रिकेट में इन ‘दोनों लड़कों’ की धूम मची थी। संतोष लाल ने पहले टेनिस बॉल क्रिकेट में सिक्का जमाया था।

भट्टाचार्य बताते हैं कि संतोष लाल ने ईस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट में 106 रनों की शानदार पारी खेली थी। इसके बाद उन्हें राज्य की रणजी टीम में सीधी एंट्री दी गई थी।

संतोष लाल की पुण्यतिथि पर सोशल मीडिया पर चाहने वालों ने उन्हें याद किया।

एक फैन ने लिखा, “तुम क्या गए, शहर सूना कर गए… दर्द का आकार दूना कर गए… आपके जैसा कोई नहीं, कोई नहीं आपके जैसा… नमन आपको।”

--आईएएनएस

एसएनसी/डीएससी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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