धर्मांतरण और डेमोग्राफिक चेंज पर कानूनी रूप से शिकायत के लिए जन जागरूकता भी आवश्यक : सीएम धामी

धर्मांतरण और डेमोग्राफिक चेंज पर कानूनी रूप से शिकायत के लिए जन जागरूकता भी आवश्यक : सीएम धामी

धर्मांतरण और डेमोग्राफिक चेंज पर कानूनी रूप से शिकायत के लिए जन जागरूकता भी आवश्यक : सीएम धामी

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IANS
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Dehradun: Pushkar Singh Dhami Interacts with Labour Union Members

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

देहरादून, 7 जुलाई (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित विकसित उत्तराखण्ड@2047 सामूहिक संवाद-पूर्व सैनिकों के साथ कार्यक्रम में शिरकत की। सैनिक पुत्र धामी ने पूर्व सैनिकों का अभिनंदन किया और उनसे राज्य के समग्र विकास के लिए सुझाव लिए।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जबरन धर्मांतरण और डेमोग्राफिक चेंज पर हमारी सरकार के प्रयासों के साथ जन सहयोग एवं कानूनी रूप से शिकायत के लिए जन जागरूकता भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सख्त दंगा विरोधी कानून लागू करने के साथ भूमि अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और यूसीसी जैसा साहसिक कदम उठाए, लेकिन सरकार के इन साहसिक प्रयासों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए व्यापक जनसहयोग की अपेक्षा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग को हर डिवीजन में 1000 पेड़ लगाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ समय पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में एक पेड़ अपनी मां के नाम अभियान की शुरुआत की है। आज के इस अवसर पर मैं आप सभी से इस अभियान में भागीदारी निभाने का आह्वान करता हूं, क्योंकि आप सभी राष्ट्र-प्रहरी होने के साथ-साथ हमारे पर्यावरण के भी रक्षक हैं। आप जहां भी पेड़ लगाएंगे, उसके फलने-फूलने की गारंटी भी सदा रहेगी, क्योंकि आप एक सैनिक होने के नाते हमेशा उसका ख्याल भी रखेंगे।

उन्होंने कहा कि राज्य में गत दो माह में आने वाले पर्यटकों की संख्या 38 लाख से अधिक हो गई है। प्रधानमंत्री के प्रयासों और सहयोग से राज्य में शीतकालीन यात्रा और आदि कैलाश यात्रा को नई गति मिली है। राज्य में बेरोजगारी दर 4.2 से कम हो गई हैं, जो राष्ट्रीय औसत से कम है। मानसरोवर यात्रा का समय सात दिन कम हो चुका है। सैनिकों एवं उनके परिजनों के हित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

सीएम धामी ने कार्यक्रम में उपस्थित समस्त पूर्व सैनिकों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि सैनिकों ने वीरता, शौर्य और समर्पण के साथ देश की रक्षा करते हुए अपने जीवन का महत्वपूर्ण कालखंड बिताया है। सैनिकों ने कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कच्छ से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक हर मोर्चे पर तिरंगे के गौरव और मान को बढ़ाने का कार्य किया है।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी है, क्योंकि हमारे प्रदेश का लगभग हर परिवार सेना से जुड़ा हुआ है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि हमारे वीर सपूतों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। धामी ने कहा कि वह स्वयं एक फौजी के बेटे हैं। उन्होंने पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवार की समस्याओं और चुनौतियों को नजदीक से देखा और समझा है। उनके हृदय में हमेशा शहीदों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदनशीलता और समर्पण का भाव रहता है। इसलिए सरकार ने यह प्रयास किया है कि यही भाव उसके काम में भी दिखे।

--आईएएनएस

डीकेपी/एकेजे

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