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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
भोपाल, 13 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के देवास जिले में कथित तौर पर पुलिस हिरासत में दलितों की पिटाई का मामला तूल पकड़ गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा है कि पुलिस हिरासत में दलितों को बुरी तरह पीटा गया है , उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। सवाल है कि पुलिस को बेरहमी से पीटने का अधिकार किसने दिया ? डीजीपी दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करें।
पूर्व मंत्री यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश पुलिस की गुंडागर्दी चरम पर है। देवास के बावडिया थाने में तीन निर्दोष दलित युवकों, रितेश, रवि एवं रितेश को बेरहमी से पीटा गया; थर्ड डिग्री टॉर्चर कर उनके नाखून तक तोड़ दिए गए। जब कोई सबूत नहीं तो अमानवीय यातना क्यों?
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने पुलिस महानिदेशक से मांग की है कि डीजीपी तत्काल दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करें, हाई-लेवल जांच बैठाएं और दलित बच्चों को न्याय दें। उन्होंने कहा कि दलितों पर अत्याचार अब और बर्दाश्त नहीं होगा।
कांग्रेस लगातार राज्य में अनुसूचित जाति और जनजाति के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों पर सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस का कहना है कि हर दिन सात अनुसूचित जाति और जनजाति महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं। राज्य से 30 हजार से ज्यादा बेटियां भी लापता हैं। भाजपा से जुड़े लोग सत्ता और पुलिस का दुरुपयोग कर रहे हैं। आम आदमी पर भी बेवजह कार्रवाई की जा रही है। लोकतंत्र का गला घोटने की कोशिश हो रही है। राज्य में 70 लाख से अधिक लोगों पर बेवजह प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
कांग्रेस ने मंगलवार को रीवा में न्याय सत्याग्रह किया था और इस दौरान भी राज्य की सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की थी। साथ ही राज्य में बढ़ते अपराधों को लेकर हमला बोला था।
--आईएएनएस
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