मुरादाबाद, 12 जून (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने ‘इमरजेंसी’ की घटना को देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया। साथ ही उन्होंने वर्तमान समय की तुलना इमरजेंसी के दौर से की। उन्होंने कहा कि 1975 में घोषित इमरजेंसी थी, लेकिन आज तो अघोषित इमरजेंसी है।
सपा नेता एसटी हसन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, देश में जब इमरजेंसी लगाई गई थी, जो एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। उस दौरान हमारे सारे लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म कर दिया गया था। हालांकि, यह बात और है कि उस दौरान भ्रष्टाचार जीरो हो गया था और पूरे हिंदुस्तान में अनुशासन का माहौल था। लेकिन, इमरजेंसी की आड़ में जो जुल्म हुआ था, जबरदस्ती नसबंदी कर दी गई और हमारे नेताओं को जेल में भेजने का काम किया गया। उस दौरान घोषित इमरजेंसी थी, लेकिन आज तो अघोषित इमरजेंसी है।
हसन ने कहा, अब विपक्षी नेता सरकार के खिलाफ विरोध करते हैं तो उन्हें जेल भेज दिया जाता है। इतना ही नहीं, कुछ एजेंसियों के जरिए उन्हें ट्रैप किया जाता है और बोलने की भी आजादी नहीं है। इस समय झूठ और जुमलेबाजी का दौर चल रहा है। जनता को भी अंधेरे में रखा जाता है।
सपा नेता एसटी हसन ने वैवाहिक संबंधों को लेकर लोगों में आ रही कड़वाहट पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा, बहुत अफसोस की बात है कि हमारे हिंदुस्तान की संस्कृति खत्म होती जा रही है। अब सोशल मीडिया पर बेहयाई का दौर चल रहा है, इसलिए औरतें अपने पतियों को मार रही हैं। मैंने तो पार्लियामेंट में भी कहा था कि मर्दों के उत्पीड़न के लिए भी कानून बनना चाहिए।
सपा नेता ने एनडीए सरकार के 11 साल पूरे होने पर कहा, सरकार को 11 साल हो गए हैं और जिस तरीके से दुनिया आगे बढ़ रही है, उसी तरह हम भी आगे बढ़ रहे हैं और इसमें कोई नई बात नहीं है। दुनिया का जीडीपी कहां जा रहा है और हमारा कहां पर है, यह भी सबको मालूम है। लेकिन, बोलने की आजादी खत्म हो गई है और देश के अंदर सांप्रदायिक सौहार्द भी काफी खराब हो गया है।
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