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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। देश में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। एनसीईआरटी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कक्षा 6-8 के लिए विशेष मॉड्यूल तैयार किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद संजय सेठ का मानना है कि देश को इसके इतिहास के बारे में बताना बेहद जरूरी है।
संजय सेठ ने आईएएनएस से कहा, क्या हम देश को इसके इतिहास के बारे में नहीं बताएंगे। अभी तक इतिहास में बाबर, हुमायूं से लेकर औरंगजेब के बारे में बताया गया है। विभाजन के दौरान लाखों लोगों को मार दिया गया। लाखों लोग को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा। महिलाओं को दुराचार सहना पड़ा। अपनी संपत्ति को छोड़कर भागना पड़ा। हमें इसे जानने का अधिकार है।
उन्होंने कहा, आने वाली पीढ़ी को पता चले कि विभाजन की विभीषिका क्या होती है। किसी परिवार के साथ कोई दुर्घटना होती है, तो कितनी दुख और पीड़ा होती है। जब लाखों लोगों के साथ ऐसी घटना हो, तो क्या देश को इसके बारे में नहीं जानना चाहिए। यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता विभाजन की विभीषिका पर पूरे भारतवर्ष में लगातार लोगों को जानकारी दे रहा है। अब यह एनसीईआरटी की किताबों में है, जो अच्छी बात है।
वहीं, भाजपा नेता मदन राठौड़ ने कहा, महात्मा गांधी बंटवारा नहीं चाहते थे, लेकिन उस समय गांधीजी के साथ जिन्ना और नेहरू आंदोलन में थे। पंडित नेहरू और जिन्ना प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। इस होड़ में दोनों ने देश का बंटवारा कर दिया। पाकिस्तान में जिन्ना गए, जबकि नेहरू हिंदुस्तान में रहे। उस समय आबादी का एक-दूसरे क्षेत्र के साथ आदान-प्रदान हुआ। इस बीच कश्मीरी लोगों के साथ बुरा बर्ताव हुआ। उनके मकान छीन लिए गए। बहन-बेटियों के साथ अत्याचार किए गए। हमारे लोगों पर अत्याचार हुए, जिसे हम कभी भूल नहीं सकते। इस बारे में हम लोगों को बताना चाहते हैं। हम बताना चाहते हैं कि राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ देश की एकता के लिए काम करना जरूरी है। पक्ष और विपक्ष में राष्ट्रभक्ति हो, तो देश का विकास होगा।
मदन राठौड़ ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सुरक्षा और संपन्नता में से किसी एक चीज को चुनना हो, तो सुरक्षा चुननी चाहिए। अगर सुरक्षित वातावरण नहीं रहा, तो हमारी संपन्नता का लाभ दूसरा वर्ग उठाएगा। इसलिए सुरक्षा जरूरी है। हमारी सेना को आधुनिक हथियारों के साथ मजबूत किया गया। ब्रह्मोस जैसे शस्त्र देश में बनाए गए, तभी पाकिस्तान को कुछ घंटों में घुटने टेकने पर मजबूर होना पड़ा।
--आईएएनएस
आरएसजी/एबीएम
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