नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है और इस बार आप नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा की दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के तुगलकी फरमान से मिडिल क्लास बेहाल हो चुका है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि राजधानी दिल्ली में मिडिल क्लास परिवारों के लिए मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। बिजली कटौती, पानी की समस्या और अब एंड ऑफ लाइफ वाहनों को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों ने जनता को परेशान कर दिया है।
आप नेता आतिशी ने कहा, भाजपा सरकार ने बीते छह महीने में मिडिल क्लास को परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। कभी बिजली कटौती, कभी पानी की कमी, और अब पुरानी गाड़ियों को बंद करने का फरमान। यह फैसला मिडिल क्लास की जिंदगी को पूरी तरह से झकझोर देने वाला है।
उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास के लोग वर्षों की मेहनत से अपनी बचत से गाड़ियां खरीदते हैं। महिलाएं अपनी सुरक्षा और सहूलियत के लिए वाहन लेती हैं ताकि सार्वजनिक परिवहन में सफर करने से बच सकें। बुजुर्ग छोटे-मोटे बाजार जाने और दवाइयां लाने के लिए गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं। वहीं कई लोग सेकंड हैंड गाड़ियां खरीदते हैं क्योंकि नई गाड़ी खरीदना हर किसी के लिए संभव नहीं होता। लेकिन भाजपा सरकार ने एक झटके में 10 साल पुरानी गाड़ियों को बेकार घोषित कर दिया, चाहे उनकी कंडीशन कितनी भी अच्छी क्यों न हो। यह फरमान सीधे तौर पर स्क्रैप कारोबारियों और वाहन निर्माता कंपनियों को लाभ पहुंचाने वाला है, न कि जनता को।
आम आदमी पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार जनता के विरोध के बाद अब कोर्ट जाने की बात कर रही है, लेकिन यह सब दिखावा है। आतिशी ने कहा, यह ठीक वैसा ही है जैसे एक फिल्म आई थी कार्तिक कॉलिंग कार्तिक, अब ये हो गया है सरकार कॉलिंग सरकार। पहले आदेश निकालते हैं, फिर खुद ही चिट्ठी लिखते हैं कि हम रोक नहीं लगा सकते, और अब कोर्ट का सहारा ले रहे हैं।
आप पार्टी की स्पष्ट मांग है कि भाजपा सरकार इन 62 लाख पुराने वाहनों को बचाने के लिए तुरंत एक स्पष्ट कानून लेकर आए। यह कानून जनता के हितों को प्राथमिकता दे, न कि स्क्रैप डीलरों या गाड़ी बनाने वाली कंपनियों को। पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार ऐसा नहीं करती, तो यह साफ हो जाएगा कि वह बड़े कॉर्पोरेट हितों से जुड़ी है और आम आदमी की समस्याओं से उसे कोई सरोकार नहीं है।
इस बीच दिल्ली जल बोर्ड को लेकर भी आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाए कि भाजपा ने अधिकारियों के माध्यम से जल बोर्ड से निर्णय लेने की शक्तियां छीन ली थीं, जबकि दिल्ली सरकार ने 10 साल पहले ही जल बोर्ड को स्वायत्त निर्णय लेने की आजादी दी थी।
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