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NGT ने दिल्ली सरकार पर लगाया 50 करोड़ का जुर्माना, कहा- प्रदूषण रोकने के लिए नहीं उठाया कदम

NGT के चैयरमैन जज आदर्श गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली के रिहायसी इलाकों में प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों पर रोक न लगाने के लिए आम आदमी सरकार को फटकार लगाई. बेंच ने कहा निर्देश देने के बावजूद सरकार की तरफ से उचित कदम नहीं उठाए गए.

Updated on: 16 Oct 2018, 06:04 PM

नई दिल्ली:

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने मंगलवार को दिल्ली सरकार पर प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों पर रोक लगाने में असफल रहने के लिए 50 करोड़ का जुर्माना लगाया है. कानूनी तौर पर दिल्ली के रिहायसी इलाकों में औद्योगिक कंपनियों पर रोक लगाई गई है. वहीं अभी भी दिल्ली में ऐसे रिहायसी इलाके हैं जहां औद्योगिक कंपनियों अपना काम कर रही हैं.

NGT के चैयरमैन जज आदर्श गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली के रिहायसी इलाकों में प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों पर रोक न लगाने के लिए आम आदमी सरकार को फटकार लगाई. बेंच ने कहा, 'निर्देश देने के बावजूद सरकार की तरफ से उचित कदम नहीं उठाए गए.'

बेंच ने अपने फैसले में दिल्ली सरकार पर न केवल 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया बल्कि रिहायसी इलाकों में मौजूद कंपनियों को जल्द से जल्द बंद करने के भी निर्देश दिये.

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गौरतलब है कि NGT का यह फैसला एनजीओ ऑल इंडिया लोकाधिकार संगठन की याचिका पर आया है. यह एनजीओ NGT के आदेशों को लागू करने और देखरेख का काम करता है. पीटीआई के अनुसार NGT ने दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के तहत दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी को रिहायशी इलाकों वाली स्टील कंपनियों को प्रतिबंधित लिस्ट में डाला था और इनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे. दिल्ली सरकार पर आरोप है कि वजीरपुर इलाके में चलने वाली कई इंडस्ट्रीज खुले नालों में अपने अपशिष्ट को बहा देती है, जो कि अंत में यमुना नदी में मिल जाता है इस पर NGT ने अपनी नाराजगी जताई.

NGT ने सख्ती जताते हुए कहा कि, 'दिल्ली सरकार लगातार असफलता जताते हुए समय मांग रही है और पर्यावरण लगातार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.'