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एमसीडी चुनाव 2017: लालू-नीतीश होंगे आमने सामने, पासवान ने बीजेपी का छोड़ा साथ

एमसीडी चुनाव में बिहार के दिग्गज नेता आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद, जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के रामविलास पासवान भी जोर-आजमाइश करने में जुट गए हैं।

Updated on: 31 Mar 2017, 08:28 PM

highlights

  • एमसीडी चुनाव में बिहार के सियासी दिग्गज आजमाएंगे हाथ
  • महागठबंधन होगा अलग, राजद-जदयू और कांग्रेस अलग-अलग लड़ेगी चुनाव
  • लोजपा भी भाजपा से अलग होकर लड़ेगी चुनाव, सीटों पर नहीं बनी सहमति

नई दिल्ली:

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में बिहार के राजनीतिक दिग्गज भी हाथ आजमाने दिल्ली जाएंगे। बिहार में भले ही राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल (युनाइटेड) और कांग्रेस मिलकर सरकार चला रही है, लेकिन 'इंद्रप्रस्थ' की कुर्सी के लिए तीनों दल एक-दूसरे से जोर-आजमाइस करते नजर आएंगे।

राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद, जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के रामविलास पासवान भी जोर-आजमाइश करने में जुट गए हैं। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार प्रदेश इकाई के नेता अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार में जाने के लिए अपने 'बैग' तैयार कर लिए हैं।

एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली की आबादी में लगभग 30 से 40 लाख तक बिहारी और पूर्वाचल के मतदाताओं की संख्या है, जहां बिहार के नेता अपने-अपने दलों की ओर इन मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश करेंगे।

जानकार यह भी कहते हैं कि इस चुनाव के जरिए नीतीश और लालू दिल्ली में अपनी पैठ बनाने की जुगत में हैं। जद (यू) पूरी तैयारी के बाद भी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतर सकी थी, लेकिन एमसीडी चुनाव में बिहार से बाहर निकलने का मौका जद (यू) हाथ से नहीं जाने देना चाहती।

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जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं कि जद (यू) दिल्ली एमसीडी चुनाव में लगभग सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। इसके मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी के पक्ष में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए नौ अप्रैल को उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली में दो रैलियां करेंगे।

उल्लेखनीय है कि जद (यू) इस चुनाव में अपनी दमदार उपस्थिति दिखाने के लिए पहले से ही कमर कस चुकी है। यही कारण है कि पिछले दिनों जद (यू) ने भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठाई है। जद (यू) का यह कदम भोजपुरी मतदाताओं को अपनी ओर लाने का एक प्रयास माना जा रहा है।

इससे पहले भी नीतीश कई मौकों पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर चुके हैं।

इधर, राजद के नेता मृत्युंजय तिवारी भी कहते हैं कि राजद दिल्ली एमसीडी चुनाव में भाग्य आजमाएगी। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में प्रचार के लिए लालू प्रसाद और राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव सहित बिहार के कई नेता दिल्ली जाएंगे।

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बिहार महागठबंधन की तरह दिल्ली एमसीडी चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में बिखराव देखा जा रहा है। राजग में शामिल लोजपा अकेले ही दिल्ली में नगर निगमों का चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है। लोजपा भी भाजपा के साथ कोई सीट बंटवारा समझौता नहीं होने के बाद अधिकतम संख्या में उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है।

लोजपा के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान कहते हैं कि पार्टी नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहती थी, लेकिन यह नहीं हो सका।

उन्होंने कहा, 'हमें लगता है कि हमारा प्रदेश संगठन चुनाव लड़ने के लिए मजबूत है इसलिए हमने अधिकतम सीटों पर दिल्ली नगर निगम चुनाव लड़ने का फैसला किया है।'

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बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव बताते हैं कि दिल्ली एमसीडी चुनाव के लिए बिहार के कई नेता दिल्ली जाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा का अपना जनाधार है।

जद (यू) के दिल्ली एमसीडी चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए भी जद (यू) चुनाव लड़ने की तैयारी की थी, लेकिन अंत में क्या हुआ?

बहरहाल, दिल्ली एमसीडी चुनाव में बिहारी मतदाताओं को रिझाने के लिए बिहार के महारथी दिल्ली पहुंचने वाले हैं। ऐसे में दिल्ली में रहने वाले बिहारी अपने किस नेता की ओर आकर्षित होते हैं या नहीं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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