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कुमार विश्वास के वीडियो से कपिल मिश्रा की केजरीवाल कैबिनेट से छुट्टी तक, 10 प्वाइंट्स में जानें क्या-क्या हुआ

आम आदमी पार्टी (आप) एक बार फिर फूट की ओर है। शनिवार देर रात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुमार विश्वास के करीबी कपिल मिश्रा को कैबिनेट से हटा दिया।

Updated on: 07 May 2017, 12:05 AM

highlights

  • आम आदमी पार्टी में बड़ी फूट, केजरीवाल ने कपिल मिश्रा को कैबिनेट से निकाला
  • मिश्रा ने कहा, कई विधायकों को केजरीवाल फ़ोन कर रहे हैं। रविवार की मेरी PC से पहले बड़ी साजिश की तैयारी
  • कुमार विश्वास बोले, एक आंदोलन और सही। न थके हैं, न डरे हैं

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (आप) एक बार फिर फूट की ओर है। पल-पल घटनाक्रम बदल रहे हैं। शनिवार देर रात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुमार विश्वास के करीबी कपिल मिश्रा को कैबिनेट से हटा दिया। मिश्रा के पास जल विभाग था।

उप मुख्यमंत्री और आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि जल प्रबंधन का काम ठीक से नहीं हो रहा था। कपिल मिश्रा ने बहुत काम किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनकी जगह कैलाश गहलोत को लाने का फैसला किया है।'

दरअसल आम आदमी पार्टी (आप) केजरीवाल और कुमार विश्वास दो धड़ों में बंट चुकी है। कुमार विश्वास पहले तो इशारों-इशारों में आप के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाते रहे। लेकिन अमानतुल्ला खान के आरोप के बाद उन्होंने खुलकर पार्टी को कठघरे में खड़ा किया।

10 प्वाइंट्स में समझें हालिया घटनाक्रम:-
1. पद से हटाये जाने पर मिश्रा ने कहा, 'फैसले के बारे में मुझे जानकारी नहीं दी गई और मेरी जानकारी के अनुसार केजरीवाल ने यह फैसला एकतरफा लिया।' उन्होंने कहा, 'मैंने आज दिन में ही अरविंद केजरीवाल जी को भ्रष्टाचार से संबंधित कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण तथ्य दिए। कल (रविवार) खुलासा होगा।' मिश्रा ईवीएम के मसले पर केजरीवाल पर सवाल उठा चुके हैं।

2. कपिल मिश्रा को कैबिनेट से निकाले जाने के बाद AAP के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास ने कहा, 'देश और कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाता हूँ कि हम भ्रष्टाचार के खिलाफ अंदर और बाहर आवाज़ उठाना जारी रखेंगे,परिणाम चाहे कुछ भी हो! भारतमाता की जय।' इससे कुछ घंटे पहले उन्होंने ट्वीट किया, 'अगर तू दोस्त है तो फिर ये ख़ंजर क्यूँ है हाथों में, अगर दुश्मन है तो आख़िर मेरा सर क्यूँ नहीं जाता?'

3. दरअसल, आम आदमी पार्टी (आप) ने कुमार विश्वास की नाराजगी को नजरअंदाज कर विधायक अमानतुल्ला खान को विधानसभा की 6 समितियों का सदस्य बनाया है। अमानतुल्ला खान ने कुमार विश्वास को बीजेपी और आरएसएस का एजेंट बताया था। जिसके बाद कुमार विश्वास ने कहा था कि खान उन साजिशकर्ताओं का मुखौटा बने हुए हैं, जो चाहते हैं कि वह पार्टी से बाहर हो जाएं।

4. कुमार विश्वास की नाराजगी दूर करने के लिए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने खुद उनके घर जाकर मुलाकात की थी। केजरीवाल ने विश्वास के बागी तेवर को देखते हुए ओखला से आप विधायक खान को पार्टी से सस्पेंड कर दिया। वहीं आप ने विश्वास का पार्टी में कद बढ़ाते हुए राजस्थान का प्रभारी बनाया। जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे।

5. अमानतुल्ला खान के बयान के बाद आम आदमी पार्टी (आप) की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) में कुमार विश्वास नहीं पहुंचे थे। जिसपर पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कुमार विश्वास के बयानबाजी को लेकर भी निशाना साधा था।

6. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा था, 'मीटिंग में कुमार विश्वास नहीं आए। वह बाहर इंटरव्यू दे रहे हैं, विडियो जारी कर रहे हैं। समिति के सदस्य और खुद अरविंद जी भी इस बात से काफी आहत हैं।' हांलांकि पार्टी ने विश्वास को खुश करने के लिए पीएसी से अमानतुल्ला खान का इस्तीफा ले लिया था। वहीं अमानतुल्ला अपने बयान पर कायम रहे।

7. कुमार विश्वास के वीडियो 'वी द नेशन' को लेकर भी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व नाराज है। वीडियो में कुमार विश्वास ने इशारों-इशारों में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा था। वीडियो को लेकर पार्टी की तरफ से माफी मांगे जाने पर विश्वास ने कहा था, 'सैनिकों की ज्यादती पर जारी किया गया मेरा वीडियो कुमार विश्वास की आवाज नहीं थी वह देश की आवाज थी। देश को लेकर किसी आवाज पर अगर पार्टी नाराज हो या संगठन नाराज होता है तो भी मैं ऐसा करता रहूंगा।'

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8. कुमार विश्वास ने चुनावों में हार के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को दोषी ठहराए जाने पर भी सवाल खड़े किये थे। उन्होंने कहा था, 'पंजाब और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में पार्टी का हार के लिए ईवीएम को दोष देना ठीक नहीं। यह खुद से मुंह चुराने जैसा होगा।' कुमार ने एमसीडी चुनाव में उम्मीदवारों के लिए प्रचार भी नहीं किया था।

9. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में हार के बाद पंजाब चुनाव में अहम भूमिका निभा रहे संजय सिंह और दुर्गेश पाठक ने इस्तीफा दे दिया था। वहीं दिल्ली के संयोजक दिलीप पांडे ने भी इस्तीफा दे दिया था। ऐसा माना जाता है कि तीनों के इस्तीफा के पीछे कुमार विश्वास की नाराजगी थी। तीनों केजरीवाल के करीबी माने जाते हैं।

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10. अब कपिल मिश्रा को हटाये जाने के बाद कुमार विश्वास ने साफ कर दिया है की वह पार्टी के खिलाफ खुली तौर पर बगावत करने से नहीं हिचकेंगे। जिस तरह के आंदोलन से पार्टी का जन्म हुआ वह आंदोलन फिर शुरू करेंगे। उन्होंने रात के करीब 11:30 बजे ट्वीट कर कहा, 'एक आंदोलन और सही। न थके हैं, न डरे हैं। सत्ता के किसी घड़े का बूँद भर जल भी नहीं चखा इसलिए अभी तक जंतर-मंतर की आग बाक़ी है। साथियों आश्वस्त रहो।

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