दिल्ली: मायापुरी स्क्रैप मार्केट में फिर होगी सीलिंग, डर और गुस्से में व्यापारी
व्यापारियों का कहना है कि वह सीलिंग का विरोध जारी रखेंगे, लेकिन फिर भी अगर उनकी दुकान ऊपर सील लगा दी गई तो उनके आगे रोटी का संकट हो सकता है
नई दिल्ली:
दिल्ली के मायापुरी इंडस्ट्रियल एरिया की मोटर पार्ट्स स्क्रैप मार्केट में आज से फिर सीलिंग शुरू होने वाली है, जिस वजह से व्यापारियों के चेहरे पर तनाव साफ नजर आ रहा है. मार्केट में आज कई दुकानों का स्क्रैप ट्रक और टेंपो में लोड होता नजर आया. स्थानीय व्यापारी यहां चलाए गए सीलिंग अभियान से नाराज है.
व्यापारियों का कहना है कि वह सीलिंग का विरोध जारी रखेंगे, लेकिन फिर भी अगर उनकी दुकान ऊपर सील लगा दी गई तो उनके आगे रोटी का संकट हो सकता है, इसलिए एहतियातन अपना कुछ सामान गाड़ियों में लोड करवा रहे हैं. उनका कहना है कि शनिवार को जहां अचानक सीलिंग के लिए पुलिस व प्रशासन ने उन्हें प्रताड़ित किया. बवाल होने के बाद देर रात को नोटिस चस्पा कर अगले 48 घंटों यानी सोमवार तक सामान हटाने का समय दिया. इस वजह से मार्केट में अफरा-तफरी गुस्से और डर का माहौल है.
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नोटिस चस्पा होने के बाद से ही मायापुरी के बहुत से व्यापारी रात से ही अपनी अपनी दुकानों और फैक्ट्रियों से माल हटाने में जुटे हैं. उनका कहना है कि दुकान और फैक्ट्री सील होने से अच्छा है कि अभी सामान हटा कर कहीं और रखा जाए. स्क्रैप मार्केट के व्यापारियों का कहना है कि अगर सीलिंग हुई तो वह न सिर्फ खुद, बल्कि देशभर के सिख समुदाय से चुनाव का बहिष्कार करने की अपील करेंगे.
व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने 1975 में उन्हें मोटियाखान से यहां शिफ्ट किया था. 100 साल की लीज पर जगह दी गयी थी, लेकिन अभी लगभग 45 साल ही हुए हैं. अब हमें यहां से भी हटाया जा रहा है. अगर प्रदूषण की बात करते हैं तो यहां से ज्यादा प्रदूषण दिल्ली के दूसरे इलाकों में है. उन्हें समय और प्रशासन की ओर से दिशा निर्देश दिए जाते तो व्यापारी बीच का रास्ता निकालते, लेकिन काम धंधों को एकाएक उजाड़ना अन्याय है.
लोगों का कहना है कि सीलिंग की इस मार से अकेला व्यापारी नहीं बल्कि उससे जुड़े मजदूर भी परेशान हैं. मायापुरी में लाखों मजदूर काम करते हैं जो रोज कमाते हैं रोज खाते हैं. अब उनके सामने भी रोजगार का संकट पैदा हो गया है.
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मायापुरी में शनिवार को सीलिंग के दौरान हुए हंगामे के बाद इलाके में थोड़ी शांति है, लेकिन यहां के व्यापारी रातों रात लगे नोटिस से परेशान हैं. उनका कहना है कि 48 घंटे में सामान हटाने के निर्देश दिए गए हैं, नहीं तो सोमवार को सील कर दिया जाएगा. ऐसे में कई व्यापारी दुकान खाली करने में लगे हैं. व्यापारियों का कहना है कि मार्केट में सीलिंग और अफरा-तफरी का माहौल बनाना सोची समझी साजिश और राजनीति का हिस्सा है, जिसमें कुछ नेता जरूर अपनी रोटियां सेक लेंगे. लेकिन आखिरकार भरपाई स्थानीय दुकानदारों और उनके मजदूरों को करनी पड़ेगी.
व्यापारियों का आरोप है कि कुछ निजी कंपनियों को स्क्रैप के काम में फायदा पहुंचाने के लिए मायापुरी मार्केट में सीलिंग की मुहिम चलाई गई है. सीलिंग से पहले मार्केट में लगभग 800 दुकानदारों को एक एक लाख रुपए का चालान भी दिया गया. व्यापारी अभी उस चालान से ही बेहद परेशान थे कि एकाएक सीलिंग की कार्रवाई लाठी के बल पर कर दी गई.
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