logo-image

मोहल्ला क्लीनिक: अरविंद केजरीवाल और उप-राज्यपाल बैजल में ठनी, बैठक से सुलझ सकता है विवाद

आम आदमी पार्टी (आप) विधायकों ने अपनी सरकार की महात्वाकांक्षी योजना मोहल्ला क्लिनिक से जुड़ी फाइलों की मंजूरी के लिए उप-राज्यपाल कार्यालय में करीब 6 घंटे तक बैठे रहे।

Updated on: 30 Aug 2017, 09:38 PM

highlights

  • मोहल्ला क्लिनिक फाइल की मंजूरी को लेकर उप-राज्यपाल से दिल्ली सरकार का टकराव
  • गुरुवार को मुख्यमंत्री और उप-राज्यपाल के बीच होगी बैठक
  • राजभवन ने कहा, जबरन MLA का इतनी बड़ी संख्या में उप-राज्यपाल ऑफिस में आना, विधायकों का बर्ताव, भाषा बेहद आपत्तिजनक है

नई दिल्ली:

दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उप-राज्यपाल अनिल बैजल के बीच एक बार फिर नए सिरे से जंग शुरू हो चुकी है।

आम आदमी पार्टी (आप) विधायकों ने अपनी सरकार की महात्वाकांक्षी योजना मोहल्ला क्लिनिक से जुड़ी फाइलों की मंजूरी के लिए उप-राज्यपाल कार्यालय में करीब 6 घंटे तक बैठे रहे। 

विधायकों का कहना था कि जब तक उप-राज्यपाल अधिकारियों को बुलाकर फाइलों को मंजूरी नहीं देते, वे नहीं जाएंगे। हालांकि शाम के करीब 9 बजे सभी विधायक उप राज्यपाल कार्यालय से निकले।

विधायकों के रवैये को उप-राज्यपाल ने आपत्तिजनक बताया है। राजभवन ने बयान जारी कर कहा, 'जबरन विधायकों का इतनी बड़ी संख्या में उप-राज्यपाल ऑफिस में आना, विधायकों का बर्ताव, भाषा बेहद आपत्तिजनक है।

साथ ही राजभवन ने कहा, 'उप-राज्यपाल ऑफिस के पास मोहल्ला क्लीनिक की कोई फाइल पेंडिंग नहीं है।'

वहीं केजरीवाल के करीबी विधायक सौरभ भारद्वाज ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उप-राज्यपाल के साथ कोई बुरा व्यवहार नहीं किया गया।

आप विधायकों ने बताया कि कल (गुरुवार) 5 बजे मोहल्ला क्लिनिक के मसले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और उप-राज्यपाल अनिल बैजल के बीच बैठक होगी।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मोहल्ला क्लीनिक पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह दो करोड़ दिल्ली वासियों के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है। उप राज्यपाल को इससे संबंधित फाइलों को जल्द से जल्द मंजूरी दे देनी चाहिए।'

और पढ़ें: बवाना उपचुनाव में जीत से AAP को संजीवनी, बीजेपी की बड़े अंतर से हार

केजरीवाल ने अगले ट्वीट में लिखा, 'देरी के कारण नागरिकों को परेशानी सहनी पड़ रही है। उप राज्यपाल को सभी संबंधित अधिकारियों से बात करनी चाहिए और बाधा को दूर करना चाहिए। अगर उप-राज्यपाल चाहें तो मैं अपने मंत्रियों के साथ राज निवास आने के लिए तैयार हूं।'

उन्होंने आगे कहा, 'फाइलें ऊपर-नीचे करने की बजाय उप राज्यपाल को सभी विरोधों को दूर करने दें। यह मेरा विनम्र निवेदन है।' मोहल्ला क्लीनिक को लेकर फाइलें महीनों से उप-राज्यपाल की मंजूरी का इंतजार कर रही है।

दूसरा मौका है जब दिल्ली के उप-राज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच ठनी है। इससे पहले उप-राज्‍यपाल अनिल बैजल ने इसी साल अप्रैल में 'आप' ऑफिस का आवंटन रद्द कर दिया था। हालांकि पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट ने उप-राज्यपाल के फैसले को रद्द कर दिया था।