डर की वजह से कादर खान को अफगानिस्तान से लेकर मुंबई आ गई थी उनकी मां, मुश्किलों भरा रहा बचपन

डर की वजह से कादर खान को अफगानिस्तान से लेकर मुंबई आ गई थी उनकी मां, मुश्किलों भरा रहा बचपन

डर की वजह से कादर खान को अफगानिस्तान से लेकर मुंबई आ गई थी उनकी मां, मुश्किलों भरा रहा बचपन

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IANS
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डर की वजह से कादर खान को अफगानिस्तान से लेकर मुंबई आ गई थी उनकी मां, सौतेले पिता ने किया था परेशान

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। स्क्रीन पर चाहे कॉमेडी हो या गंभीर रोल, कादर खान ऐसे अभिनेता थे जो आंखों से अदायगी करते थे। उनके चेहरे के एक्सप्रेशन में इतनी ताकत होती थी कि डायलॉग बोलने की जरूरत ही नहीं होती थी, लेकिन जब वे बोलते थे तो किरदार जीवंत हो उठता था।

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आज दिग्गज अभिनेता की पुण्यतिथि है और इस मौके पर हम आपको बताएंगे कि पर्दे पर सभी को हंसाने वाले अभिनेता का बचपन कितना मुश्किल और दर्दनाक रहा था।

300 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले और 250 से ज्यादा फिल्मों में डायलॉग लिखने वाले कादर खान एक गरीब परिवार से थे, जिन्हें ये नहीं पता होता था कि सुबह के खाने के बाद शाम का खाना मिलेगा या नहीं। कादर खान का परिवार अफगानिस्तान में रहता था और जैसे-तैसे अपना गुजारा कर रहा था, लेकिन कादर खान के जन्म के बाद वे मुंबई आ गए। दरअसल, कादर खान से पहले उनके तीन भाई थे, जिनकी मौत 8 साल की उम्र होने तक हो चुकी थी। इसके बाद, अभिनेता के जन्म के बाद उनकी मां के मन में डर बैठ गया था कि वे उन्हें भी खो देंगी। ऐसे में वे उन्हें मुंबई ले आईं।

एक इंटरव्यू में कादर खान ने खुद खुलासा किया था कि जब वे 1 साल के थे तब उनकी मां कामाठीपुरा लेकर आई थी। उन्होंने कहा था कि मैं बहुत गंदे माहौल में पला-बड़ा। एक तरफ वैश्यावृत्ति होती थी और दूसरी तरफ शराब की दुकानें खुले में चलती थीं। किसी शहर में आकर कमाना मेरे मां और पिता दोनों के लिए मुश्किल हो रहा था, पिता घर का खर्चा नहीं उठा पा रहे थे, जिसकी वजह से मेरे माता-पिता का तलाक हो गया।

माता-पिता के तलाक के बाद अभिनेता के नाना ने उनकी मां की दूसरी शादी करा दी। अभिनेता का कहना था कि मैं उस वक्त एक मां और दो पिता के बीच पिस रहा था। सौतेले पिता कारपेंटर थे लेकिन काम नहीं करना चाहते थे। वे मुझे मेरे पिता के पास पैसे मांगने के लिए भेजते थे। मेरे सगे पिता का कहना था कि अगर पैसे ही होते तो तलाक क्यों होता।

अभिनेता ने छोटी सी उम्र से ही अपने परिवार को सहारा देना शुरू कर दिया था। जिस मस्जिद में उनके पिता नमाज पढ़ते थे, वहां घर का चूल्हा जलाने के लिए अभिनेता भीख भी मांगते थे। हालांकि अभिनेता की मां द्वारा दी गई हिम्मत और भरोसे की वजह से ही वे पढ़-लिखकर कादर खान बने।

कादर खान ने बाद में फिल्मी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई। उनके अभिनय में उनके गुजरे वक्त की छाप और संजीदगी थी। उनको डायलॉग जमीन से जुड़े हुए और सोचने पर मजबूर करने वाले थे। कादर खान ने अपनी हरफनमौला प्रतिभा से बॉलीवुड में शानदार काम किया और विभिन्न किरदार अदा किए।

--आईएएनएस

पीएस/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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