Varanasi serial Balst case : वाराणसी सीरियल ब्लास्ट केस में गाजियाबाद कोर्ट ने सोमवार को सजा सुनाई है. 16 साल बाद कोर्ट ने आतंकवादी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है. आपको बता दें कि 7 मार्च, 2006 को वाराणसी में संकट मोचन मंदिर, रेलवे कैंट और दशाश्वमेध घाट पर सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए थे. इस सीरियल बम धमाके में संकट मोचन मंदिर में 7 और रेलवे कैंट में 11 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
वाराणसी में हुए बम धमाकों के बाद तीन एफआइआर अज्ञात आरोपितों के खिलाफ दर्ज हुई थी. आरोपितों के नाम पुलिस की विवेचना के दौरान सामने आए. तीनों मामलों में वलीउल्लाह के अलावा बशीर, जकारिया, मुस्तफीज व मोहम्मद जुबैर भी आरोपी थे. नौ मई, 2006 को जम्मू कश्मीर में एलओसी पर पुलिस मुठभेड़ में मोहम्मद जुबैर मारा जा चुका है. वह बागपत के टाडा गांव का रहने वाला था. बशीर, जकारिया, मुस्तफीज जो बांग्लादेश के रहने वाले हैं. इन्हें पुलिस आज तक नहीं पकड़ पाई है.
आपको बता दें कि 23 मई को गाजियाबाद के जिला एवं सत्र न्यायालय में वाराणसी बम कांड की सुनवाई पूरी हो गई थी. कोर्ट ने सजा पर फैसला सुनाने के लिए 4 जून की तारीख तय की थी, लेकिन सजा सोमवार को सुनाई गई. जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में वाराणसी बम कांड की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान बम कांड के आरोपी वलीउल्लाह को कड़ी सुरक्षा में लाया गया था. यूपी पुलिस ने 5 अप्रैल 2006 को प्रयागराज जिले के फूलपुर गांव निवासी वलीउल्लाह को गिरफ्तार किया था.
Source : News Nation Bureau