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उदयपुर की घटना ने याद दिलाई 'बुराड़ी कांड' की याद, एक कमरे में फंदे से लटकी मिलीं कई लाशें 

राजस्थान के उदयपुर जिले में एक ऐसा खौफनाक मंजर सामने आया जो दिल्ली के बुराड़ी कांड की याद दिलाता है. हालांकि दोनों में​ आत्महत्या के कारण अलग-अलग हो सकते हैं, मगर घटना लगभग एक जैसी है.

Updated on: 21 Nov 2022, 11:33 PM

नई दिल्ली:

राजस्थान के उदयपुर जिले में एक ऐसा खौफनाक मंजर सामने आया जो दिल्ली के बुराड़ी कांड की याद दिलाता है. हालांकि दोनों में​ आत्महत्या के कारण अलग-अलग हो सकते हैं, मगर घटना लगभग एक जैसी है. दिल्ली के बुराड़ी कांड में एक मकान में 11 लोगों की लाशें मिली थीं. सभी फांसी के फंदे में झूल रही थीं. इसी तरह उदयपुर की गोगुंदा तहसील के एक गांव में भी ऐसा मंजर देखने को मिला. यहां पर सामूहिक मौत का मामला सामने आया है. इस मामले में पति-पत्नी और 4 मासूम बच्चे गांव गोल नेड़ी में स्थित एक मकान में मृत पाए गए. यह परिवार आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखता है. प​ति का नाम था प्रकाश गोमती, पत्नी का नाम था दुर्गा गोमती और इनके चार बच्चे थे. बच्चों में  गंगाराम की उम्र मात्र तीन से चार माह थी. पुष्कर की उम्र पांच साल थी. वहीं गणेश आठ साल के थे और तीन साल का रोशन था. 

पूरा परिवार खेत में बने मकान में रह रहा था. यहां पर प्रकाश और उसके दो भाई भी रहा करते थे. सभी भाइयों के मकान आसपास थे. प्रकाश गुजरात में काम करता था. उसका भाई सोमवार को रोज की तरह उठा था. वह प्रकाश के घर पहुंचा तो पता चला कई बार दस्तक देने के बाद भी अंदर से कोई आवाज नहीं आई. इस पर प्रकाश के भाई को चिंता सताने लगी. उसने गांववालों के साथ मिलकर घर का दरवाजा तोड़ा तो पाया कि घर के अंदर छत से चार शव लटके हुए थे. दो लाशें जमीन पर थीं. ये खौफनाक मंजर देखकर गांववाले सिहर उठे. 

प्रकाश के भाई को इस पर यकीन नहीं हो रहा था, उसके भाई और भाभी के साथ सभी बच्चे अब इस दुनिया में नहीं हैं. दरअसल, प्रकाश और उसके तीनों बेटों की लाश चुन्नी और साड़ी की मदद से छत पर लटकी हुई थीं. वहीं उसकी पत्नी दुर्गा और महज तीन माह के बेटा गंगाराम जमीन पर पड़ा हुआ था. 

पुलिस मामले की छानबीन कर रही

पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. मगर यह आत्महत्या का मामला दिखाई दे रहा है. इसके पीछे आर्थिक हालत कारण हो सकते हैं. सभी लाशों को मोर्चरी में पहुंचा दिया गया है. पुलिस के अनुसार जल्द इस मामले का खुलासा हो जाएगा. इस मामले की जांच जारी है. पुलिस इसका पता लगा रही है कि यह आत्महत्या है या हत्या.

वहीं बुराड़ी कांड में दस लोगों ने एक साथ आत्महत्या कर ली थी. उदयपुर की घटना भी बुराडी से मेल खाती है. दरअसल चार साल पहले दिल्ली के बुराडी क्षेत्र में भाटिया परिवार रहता था. ये संयुक्त परिवार था. इसमें छोटे बड़े सभी मिलकर 11 सदस्य थे. परिवार ने 30 जून की रात को एक खास पूजा रखी थी. उस रात भाटिया परिवार रात  12 बजे तक सोया नहीं था. पूजा के एक घंटे बाद घर के सदस्य ललित ने एक डायरी ​में लिखी बातों को पढ़ने लगा. 

आंखों में पट्टी के साथ मुंह पर टेप लगाया हुआ था

ये पूजा एक अनुष्ठान की तरह थी. डायरी में जैसा-जैसा लिखा हुआ था, परिवार के सदस्य वैसा ही कर रहे थे. सभी ने आंखों में पट्टी के साथ मुंह पर टेप लगाया हुआ था. कमरे में विभिन्न जगहों पर दस फंदे तैयार किए गए. यह सभी फंदे चुन्नी के थे. डायरी में लिखे निर्देश के अनुसार बेब्बे यानी घर की बुजुर्ग महिला नारायणी देवी को चलने पर परेशानी थी ,ऐसे में बुजुर्ग को एक कमरे में ले जाकर बेल्ट से फांसी दी गई. वहीं सभी स्टूल के सहारे लटक गए. एक साथ 11 लोगों ने आत्महत्या कर ली. सभी के हाथ पीछे से बंधे हुए थे. बाद में जांच में पुलिस को एक रजिस्टर बरामद हुआ. इसमें मौत की कहानी ललित के हाथों से लिखी गई थी. पता चला कि ललित के दिवंगत पिता की आत्मा उसका मार्गदर्शन करती थी. वह उसके सपने आकर इस तरह का अनुष्ठान करने का आदेश देती थी. इससे परिवार कुछ बड़ा हासिल करने का प्रयास कर रहा था.