चीन में भारत के मोबाइल नंबर पर चलाए जा रहे सैकड़ों WhatsApp अकाउंट, जांच से पहले चीन भागी दंपति
बढ़ते साइबर क्राइम को लेकर जांच एजेंसियां सतर्क हैं. इस पर रोक लगाने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. बीते दिनों उत्तर प्रदेश एटीएस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम गैंग से जुड़े तीन चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया था.
नोएडा/लखनऊ:
बढ़ते साइबर क्राइम को लेकर जांच एजेंसियां सतर्क हैं. इस पर रोक लगाने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. बीते दिनों उत्तर प्रदेश एटीएस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम गैंग से जुड़े तीन चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया था. लेकिन अब इस मामले में जैसे ही एटीएस की जांच जैसे ही आगे बढ़ी, इस गैंग से जुड़े चीनी दंपति गुरुग्राम में अपने होटल को छोड़कर चीन पहुंच गई. बताया जा रहा है कि गुरुग्राम में होटल चला रही यह पति-पत्नी चीन के ही रहने वाले थे.
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जांच में पता चला है कि गुरुग्राम के एक होटल की मालिक इस चीनी दंपति के निर्देश पर करीब 500 प्रि-एक्टिवेटेड सिम चीनी नागरिकों को मुहैया कराए गए थे. जिनमें से अधिकतर लोग चीन में ही रहते हैं. जब इस मामले में यूपी एटीएस ने अपनी जांच आगे बढ़ाई तो यह दंपति होटल को छोड़कर चीन चली गई. हालांकि एटीएस ने जिन तीन चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया था, उन्हें 7 दिन की रिमांड पर भेजा गया.
गिरफ्तार तीनों चीनी नागरिकों से एटीएस की पूछताछ आज से शुरू होगी. मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम गैंग से जुड़े तीसरे चीनी नागरिक सुन जी यिंग को यूपी एटीएस ने गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था. इससे पहले 2 चीनी नागरिकों को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था. इनके बयानों एवं साक्ष्यों के आधार पर इस तीसरे चीनी नागरिक का नाम सामने आया था. इसके अलावा 14 भारतीयों को भी एटीएस ने गिरफ्तार किया था. कुल मिलाकर इस अंतरराष्ट्रीय गैंग के 17 सदस्य ATS द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
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यूपी एटीएस की जांच में हुआ यह खुलासा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम गैंग के खुलासे के बाद यूपी एटीएस को पता चला था कि फर्जी आईडी के आधार पर हासिल इन मोबाइल नंबरों के जरिए विभिन्न बैंकों में ऑनलाइन खाते खोले गए थे. इन खातों के जरिए आपराधिक गतिविधियों के लिए लेन-देन किया गया. जांच में पता चला कि इन खातों में अज्ञात स्रोतों से भारी धनराशि आई थी, जिसकी अभि विस्तृत जांच चल रही है. चीनी नागरिक इन भारतीय सिम धारकों से वी-चैट मैसेंजर ऐप से जुड़े हुए थे और इन सभी 500 भारतीय मोबाइल नंबरों पर व्हाट्सअप रजिस्ट्रेशन के लिए जेनरेटेड ओटीपी को वी-चैट और व्हाट्सअप के माध्यम से शेयर किया गया था.
ATS अब गिरफ्तार तीनों चीनी नागरिकों से भारतीय मोबाइल नम्बरों पर चीनी नागरिकों द्वारा चलाए जा रहे व्हाट्सएप के बारे में पूछताछ करेगी. अब तक की जांच में सामने आया है कि व्हाट्सएप चीन में प्रतिबंधित है. लेकिन अवैध तरीके से चीन में लोग व्हाट्सएप चलाते हैं.
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