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सीसीटीवी कैमरे से दहशत में आए कश्मीर के दहशतगर्द, दी ये धमकी

आतंकवाद प्रभावित जम्मू कश्मीर में सीसीटीवी कैमरे सुरक्षा कर्मियों के लिए एक बड़ा ही कारगर हथियार साबित हो रहा है. वहीं, आतंकी सीसीटीवी कैमरे से दहशत में आ गए हैं.

Updated on: 17 Apr 2022, 10:06 AM

highlights

  • आतंकियों को पकड़ने में सीसीटीवी कैमरों की भूमिका रही है अहम 
  • सुरक्षाबलों ने घाटी में जगह-जगह लगवा रहे हैं सीसीटीवी कैमरे 
  • आतंकियों ने निजता के उल्लंघन का हवाला देकर किया विरोध

नई दिल्ली:

आतंकवाद प्रभावित जम्मू कश्मीर में सीसीटीवी कैमरे सुरक्षा कर्मियों के लिए एक बड़ा ही कारगर हथियार साबित हो रहा है. वहीं, आतंकी सीसीटीवी कैमरे से दहशत में आ गए हैं. हालात ये हैं क आतंकी अब लोगों को सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाने की अपील कर रहे हैं और बात नहीं मानने पर अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं. दरअसल, आतंकवादी जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगने की वजह से वारदात को अंजाम देने के बाद कही उनकी तस्वीर कैद हो जाती है. इसके बाद वह बड़ी ही आसानी से सुरक्षाबलों के हत्थे चढ़ जाते हैं. इस बौखलाकर आतंकी इलाके के लोगों को सीसीटीवी नहीं लगाने का फरमान सुना रहे हैं. इसके साथ ही सीसीटीवी लगवाने वालों को अंजाम भुगतने की धमकी दी जा रही है. 

सीसीटीवी कैमरे की मदद से पकड़े जा चुके है कई आतंकवादी
सीसीटीवी कैमरों की मदद से पकड़े गए आतंकियों के बारे में बताते हुए आइजीपी कश्मीर विजय कुमार विस्तार से बताया कि किस तरह एक के बाद एक आतंकी वारदात के बाद पकड़े जा रहे है. उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरे की मदद से किस तरह लाल चौक के पास हरि सिंह हाई स्ट्रीट में पिछले 2 मार्च को हुए ग्रेनेड हमले और उससे पहले जनवरी में हुए ग्रेनेड हमलों में लिप्त आतंकियों को सीसीटीवी फुटेज के बिना पर पहचान कर पकड़ा गया था. इसके अलावा मैसूमा में इसी माह सीआरपीएफ के जवानों पर हमले में लिप्त आतंकियों व उनके ओवरग्राउंड वर्कर की निशानदेही भी घटनास्थल के पास लगे एक सीसीटीवी कैमरे से ही हुई थी. इसके अलावा श्रीनगर से बाहर भी कई  जगहों पर आतंकी वारदातों में शामिल लोगों को पकड़ने में सीसीटीवी कैमरों की भूमिका अहम रही है. उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ आतंकी वारदातों ही नहीं, बल्कि असामाजिक तत्वों और अपराधियों को पकड़ने में भी सीसीटीवी कैमरे काफी मददगार साबित हो रहे हैं. लिहाजा, घाटी में सभी को को सीसीटीवी कैमरे लगवाने की सलाह दी गई है.

इसलिए लगाए जा रहे हैं कैमरे
आइजीपी ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में और खासकर कश्मीर घाटी में आतंकियों द्वारा बीते दिनों भीड़ भरे इलाकों में ग्रेनेड हमले किए जाने और निर्दोष नागरिकों को उनके घरों में दाखिल होकर मौत के घाट उतारे जाने की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए सभी भीड़ भरे स्थानों, धर्मस्थलों, सभी प्रमुख व्यापारिक प्रतिष्ठानों और बाजारों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है. निर्देश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. इसके साथ ही पुलिस ने भी प्रदेश के विभिन्न शहरों व कस्बों में करीब 500 नए सीसीटीवी कैमरे लगवाने का फैसला किया है, जो क्षेत्रीय और जिला नियंत्रण कक्ष के साथ जुड़े रहेंगे.


आतंकियों ने सीसीटीवी का शुरू किया विरोध
सीसीटीवी कैमरों के प्रति आम लोगों में बढ़ती जागरूकता से परेशान आतंकियों ने इसका विरोध शुरु कर दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए लोगों को धमकाते हुए कहा कि जो भी सीसीटीवी लगाने की सोच रहा है, वह अपने अंजाम के लिए तैयार रहे. जिन्होंने भी सीसीटीवी कैमरा लगाया है, वह उसे बंद कर दें और उतार दें, नहीं तो हम खुद कार्रवाई करेंगे और किसी को नहीं बख्शेंगे. आतंकी संगठन ने कहा है कि यह सिर्फ हमारे लोगों का मसला नहीं है, कश्मीर की बहू-बेटियों का भी मसला है. सीसीटीवी कैमरों में उनकी तस्वीरें भी कैद हो जाती हैं. इसलिए सभी को अंतिम चेतावनी दी जाती है कि वे सीसीटीवी कैमरे न लगवाएं, वरना उन्हें सबक सिखाया जाएगा. 

पुलिस ने दिया सुरक्षा का वादा
सुरक्षाबलों से अपनी जान बचाते फिर रहे आतंकी अब सीसीटीवी कैमरों से पूरी तरह डरे हुए हैं. वे लोगों को सीसीटीवी कैमरे न लगाने का फरमान सुनाते हुए कह रहे हैं इनसे दूर रहो, वरना परिणाम भुगतने को तैयार रहें. आतंकी सीसीटीवी कैमरे को आम कश्मीरी औरतों की निजता के साथ जोड़ते हुए कह रहे हैं कि इनमें हमारी मां-बहनों की तस्वीरें कैद हो जाती हैं. इस बीच, पुलिस ने आतंकी धमकियों का संज्ञान लेते लोगों को पूरी सुरक्षा का यकीन दिलाते हुए कहा कि धमकी देने वाले जल्द पकड़े जाएंगे. पुलिस लोगों को भरोसा दिला रहे हैं कि जहां भी सीसीटीवी कैमरा होगा, वहां पकड़े जाने के डर से आतंकी नहीं आएंगे. उन्होंने कहा कि आतंकियों ने पहले स्थानीय किसानों को अपने बागों की तारबंदी न करने का फरमान सुनाया था, क्योंकि आतंकी बाग और खेतों में छिपते थे. किसानों खुद बाग में जाने से डरते थे,लेकिन जब बागों की तारबंदी शुरू हुई तो किसान बेखौफ होकर अपने बागों में जाने लगे,क्योंकि आतंकियों के लिए एक अवरोधक लग चुका था. 

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डर कर आतंक का रास्ता छोड़ रहे हैं युवा
जम्मू-कश्मीर पुलिस में एसएसपी रैंक के एक अधिकारी ने कहा कि बाजार एसोसिएशनों और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों के संचालकों व आम लोगों द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने से आतंकी घबरा गए हैं. उन्होंने कहा कि इस वक्त आतंकी खौफ में आ गए हैं. आतंकियों को अब लगने लगा है कि अब वे कहीं नहीं छिप सकते और न वारदात को अंजाम देकर भाग सकते हैं, क्योंकि सीसीटीवी कैमरे में उनकी तस्वीर आ जाएगी और वह पकड़े जाएंगे, आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्कर भी सीसीटीवी कैमरों से खौफ से दहशत में है. सूफिया सूत्रों के मुताबिक आतंकियों के कई ओवरग्राउंड वर्करों ने अपने हैंडलरों से साफ कहा है कि वे अब उनके लिए काम नहीं कर सकते, क्योंकि सीसीटीवी कैमरे में अगर वे कहीं किसी वारदात में शामिल नजर आए तो उन्हें कानून के शिकंजे से कोई नहीं छुड़ा पाएगा. दरअसल, सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को वह नहीं झुठला सकते. यह उनके गुनाहों का सबसे बड़ा जीवंत गवाह होता है. इसलिए आतंकी अब लोगों को धमका रहे हैं.