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19 साल की लड़की 17 साल का लड़का, दोनों ने कर ली शादी, फिर हुई उसे जेल, जानें क्यों

हमारे समाज में जो काम लड़के करने के लिए बदनाम जाने जाते हैं. वहीं काम कोयंबटूर में एक लड़की ने कर दिया. लड़की ने 17 साल के लड़के से शादी की और उसके साथ रिलेशनशिप बनाया. लेकिन उसे पॉस्को एक्ट के तहत पकड़ लिया गया.

Updated on: 30 Aug 2021, 12:58 PM

नई दिल्ली :

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कोयंबटूर (coimbatore) में महिला पुलिस ने एक 19 साल की लड़की को गिरफ्तार किया है. पोल्लाची में लड़की को पॉस्को एक्ट के तहत पकड़ा गया है. पूरा मामला जानकर आपको हैरानी होगी. अभी तक आपने लड़के द्वारा लड़की के यौन उत्पीड़न के केसेस देखें या फिर सुने होंगे. या फिर बड़े उम्र के लड़के ने कम उम्र की लड़की भागकर शादी कर ली जैसी खबर पढ़े या सुने होंगे. लेकिन यहां मामला उल्टा है. यहां पर लड़की ने कथित तौर पर 17 साल के लड़के का यौन-उत्पीड़न किया. पुलिस की मानें तो लड़की ने अपनी स्कूल की पढ़ाई छोड़कर पोल्लाची में पंट्रोल पंप पर काम कर रही थी. वहीं नाबालिग लड़का 12वीं की पढ़ाई पूरी कर आगे की पढ़ाई छोड़ दी.

पुलिस ने आगे बताया कि दोनों अलग-अलग समुदाय से संबंध रखते हैं. एक साल पहले लड़की को नाबालिग लड़के से प्यार हो गया. अधिकारी ने बताया कि प्यार में पड़ी लड़की लड़के के साथ पिछले गुरुवार को डिंडीगुल जिले के पलानी में भागकर शादी कर ली. अगले दिन कोयंबटूर जिले के सेम्मेदु लौट आए और किराए के मकान में रह रहे थे. 

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लड़के की मां ने थाने में शिकायत की

इधर ये बात लड़के के मां को नागवार गुजरी. शनिवार को नाबालिग लड़के की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जब लड़की को इस बाबत पता चला तो वो लड़के साथ थाने में आकर सरेंडर कर दिया. 

पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज

जिसके बाद पुलिस ने युवती के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 5 (एल) और सेक्शन 6 के तहत मामला दर्ज किया है. उसे शनिवार शाम को पोक्सो मामलों के लिए विशेष अदालत में पेश किया गया. जिसके बाद युवती को केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.  चूकि यहां पर लड़का नाबालिग था इसलिए पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. जबकि लड़की बालिग थी. 

पॉक्सो क़ानून क्या है?
POCSO एक्ट का पूरा नाम "The Protection Of Children From Sexual Offences Act" या प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट है. पोक्सो एक्ट-2012; को बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न और यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे जघन्य अपराधों को रोकने के लिए, महिला और बाल विकास मंत्रालय ने बनाया था. वर्ष 2012 में बनाए गए इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है.